फर्रुखाबाद। शहर में यातायात सुचारू करने के लिए तीन प्रमुख चौराहों — आवास विकास तिराहा, आईटीआई चौराहा और कादरी गेट चौराहा — पर करोड़ों की लागत से ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थीं। लेकिन अब ये लाइटें सिर्फ शोपीस बनकर रह गई हैं।
पुलिस प्रशासन बार-बार इनके ट्रायल की बात कर रहा है, लेकिन वास्तविक हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। ट्रैफिक लाइट लगने के बावजूद अधिकांश जगहों पर ये चालू नहीं हो सकीं।
विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन लाइटों को ऐसी जगहों पर लगाया गया है जहां उनका सही उपयोग संभव नहीं। अधिकांश सड़कें छोटी हैं या लेफ्ट टर्न की सुविधा नहीं है। इसका सीधा असर यह है कि स्थानीय लोग और पर्यटक रोजाना जाम में फंसते हैं।
हालांकि करोड़ों का बजट खर्च किया गया, लेकिन ट्रैफिक लाइटों का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। कई बार प्रशासन ने ट्रायल करने और जल्द शहर को जाम मुक्त करने का वादा किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि नगर पालिका और प्रशासन तुरंत ट्रैफिक लाइट का संचालन शुरू करे ताकि शहरवासियों को रोजमर्रा के जाम से निजात मिल सके।





