लखनऊ: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित रोजगार महाकुंभ (Rozgar Maha Kumbh) पहले ही दिन युवाओं (youth) की उम्मीदों पर भारी पड़ गया। रोजगार की आस में हजारों युवा सुबह 7 बजे से ही कतारों में लग गए, लेकिन दोपहर 12 बजे तक उन्हें सिर्फ इंतजार ही मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उद्घाटन कार्यक्रम के कारण आम युवाओं को प्रवेश देर से मिला, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई।
धक्का-मुक्की के बीच कई युवाओं की हालत खराब हो गई, जबकि भीड़ ने गुस्से में सभागार के शीशे के दरवाजे तक तोड़ दिए। अंदर पहुंचने के बाद भी युवाओं को रोजगार स्टॉल तक जाने में घंटों लग गए। कई युवाओं ने शिकायत की कि उनसे सिर्फ नाम, नंबर और रिज्यूमे लिया गया, जबकि न कोई इंटरव्यू हुआ और न ही कोई ऑफर लेटर मिला।
दूर-दराज से आए युवाओं को यह उम्मीद थी कि उन्हें मौके पर नौकरी मिलेगी, लेकिन अव्यवस्थाओं और खानापूरी ने उन्हें मायूस कर दिया। महाकुंभ में भाग ले रहीं कंपनियों और प्रशासन की तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। यह आयोजन युवाओं के भविष्य की बजाय एक अव्यवस्था का प्रतीक बनकर रह गया। रोजगार की तलाश में आए युवाओं को यहां सिर्फ इंतजार, भीड़ और थकावट ही हाथ लगी।