नई दिल्ली: Jammu and Kashmir के डोडा (Doda) जिले में मंगलवार को बादल फटने (Cloudburst) से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे लोगो का का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को बंद करना पड़ा। भारी बारिश के कारण मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन भी हुआ। इस साल पर्वतीय इलाकों में बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही और जनहानि हुई है। इस आपदा में तीन लोगों की जान चली गई और कम से कम 15 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह ने बताया कि इससे पहले आज, मंगलवार को लगातार तीसरे दिन जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई, जिससे यातायात बाधित हुआ और निचले इलाकों में पानी भर गया। तीन पुल भी नदी के उफान में बह गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।
डोडा के उपायुक्त ने बताया रामबन जिले के चंदरकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाओं के बाद 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया। मार्ग पर भारी बारिश जारी रहने के कारण जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के काजीगुंड में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई।
उन्होंने कहा, इस हादसे में कई अन्य सड़कें भी प्रभावित हुईं, किश्तवाड़ में पड्डर रोड का एक हिस्सा बह गया और भूस्खलन के कारण रामनगर-उधमपुर और जंगलवाड़-थाथरी सड़कें अवरुद्ध हो गईं। किश्तवाड़, डोडा और राजौरी जिलों के ऊँचाई वाले इलाकों में लगभग एक दर्जन घरों और गौशालाओं को नुकसान पहुँचा है। पूरे क्षेत्र में नदियाँ और नाले खतरे के निशान से ऊपर या उसके पास बह रहे हैं।