लखनऊ: अखण्ड आर्यावर्त आर्य त्रिदंडी महासभा (Akhand Aryavarta Arya Tridandi Mahasabha) के द्वितीय स्थापना दिवस व राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन रविवार को भातखण्डे विश्वविद्यालय (Bhatkhande University), कैसरबाग स्थित रायबली उमानाथ प्रेक्षागृह में हुआ। अधिवेशन की शुरुआत सद्गुरु कबीर साहेब वेदांग गुरुकुलम के बच्चों द्वारा मंत्रोच्चारण और गणेश वंदना से की गई। इसके बाद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी सहित साधु-संतों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद के नाम पर सनातनी समाज को बांटने वाले संगठनों से सतर्क रहने का आह्वान किया। साथ ही धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि समाज को जागरूक करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर सनातन संस्कृति केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि संगठन सनातनियों की समस्याओं के समाधान और एकजुटता के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि आगामी गणेश चतुर्थी से पहला सनातन शक्ति केंद्र शुरू किया जाएगा। उन्होंने वीर सावरकर और त्रिदंडी महाराज के नारे “जात-पात की करो विदाई, हिन्दू भाई-भाई” को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया।
संगठन संयोजक पंकज तिवारी ने कहा कि धर्मांतरण का शिकार अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग होता है, इसलिए सनातन समाज को आर्थिक रूप से मजबूत करना समय की आवश्यकता है।
अधिवेशन में बाबा महादेव, गौरव वर्मा, चंद्रमौलि शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, अनीता तिवारी, प्रकाश श्रीवास्तव, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, प्रदीप जायसवाल और अंकेश सिंह चौहान सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।


