इस वर्ष हरतालिका तीज (Hartalika Teej) पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। रवि और इन्द्र योग में इस वर्ष तीज की पूजा होगी जबकि साथ ही चित्रा और स्वाती नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। हरतालिका तीज इस बार 6 सिंतबर को है। इस दिन शिव जी ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकारा था, इसलिए यह व्रत सुहागिनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत शंकर-पार्वती को समर्पित है। कहते हैं पति की लंबी आयु, तरक्की और परिवार की खुशहाली के लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण है।
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस दिन सुहागिनें निर्जला व निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इस व्रत को कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। कुंवारी लड़किया भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं।
प्रातःकाल हरितालिका पूजा (Hartalika Teej) मुहूर्त – 06:02 ए एम से 08:33 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 31 मिनट्स
तृतीया तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 05, 2024 को 12:21 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – सितम्बर 06, 2024 को 03:01 पी एम बजे
हरितालिका तीज (Hartalika Teej) पूजा विधि-
1. हरितालिका तीज (Hartalika Teej) में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।