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Saturday, August 23, 2025

थराली में बादल फटा, दुकानें-बाजार भी तबाह, रेस्क्यू के लिए आर्मी पहुंची

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– 80 घरों में 2 फीट तक मलबा भरा
– बदल फटने से नदियां ओवरफ्लो हो गईं
– पहाड़ से मलबा नीचे स्थित घरों और दुकानों पर गिर गया
– चमोली जिलाधिकारी ने हालात का जायजा लिया

चमोली: उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले के थराली (Tharali) क्षेत्र में शुक्रवार देर रात भारी तबाही मच गई जब रात एक से दो बजे के बीच बादल फट (Cloud burst) गया। इस आपदा से सागवाड़ा और चेपड़ों गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि थराली तहसील मुख्यालय के आसपास के एक किलोमीटर क्षेत्र में भारी तबाही हुई है, क्योंकि स्थानीय नदियों का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया। चेपड़ों गांव में एक व्यक्ति लापता है, जबकि सागवाड़ा में एक घर पर मलबा गिरने से एक किशोरी की मृत्यु हो गई। उसका शव कुछ घंटों की मशक्कत के बाद बरामद कर लिया गया।

दोनों गांवों में करीब 70 से 80 घर ऐसे हैं जिनमें लगभग दो फीट तक मलबा भर गया है। इस आपदा के कारण कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे मिंग गधेरा के पास मलबा आने से बंद हो गया है, जिससे थराली क्षेत्र का संपर्क अन्य स्थानों से कट गया है। प्रशासन ने तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस बल की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबे में दबे लोगों को निकालने, क्षतिग्रस्त घरों की स्थिति का जायजा लेने और सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था में जुटी हैं।

थराली, देवाल और नारायणबगड़ ब्लॉक के सभी स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। हरमनी के पास एक सड़क को आंशिक रूप से चालू किया गया है ताकि राहत सामग्री और बचाव दलों की आवाजाही जारी रह सके। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

इस घटना ने उत्तराखंड में मानसून से जुड़ी आपदाओं की सूची को और लंबा कर दिया है। राज्य में पिछले अठारह दिनों में यह दूसरी बार है जब बादल फटने की घटना घटी है। इससे पहले पांच अगस्त को धराली में बादल फटने से पांच लोगों की मृत्यु हुई थी और सौ से अधिक लोग लापता हुए थे।

इस बीच मौसम विभाग ने शनिवार को देश के 19 राज्यों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित कई राज्यों में मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। हिमाचल प्रदेश में 23 से 26 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान है, जहां अभी भी 347 सड़कें बंद हैं। देश में 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से अब तक वर्षा और भूस्खलन की घटनाओं में 295 लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी सहायता केंद्र या प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।

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