बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections 2025) के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शुक्रवार को राज्य के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख बौद्ध स्थलों पर पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बढ़ावा देने के लिए गया और दिल्ली के बीच अमृतभारत एक्सप्रेस और वैशाली और कोडरमा के बीच बुद्ध सर्किट ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने आज बिहार के गया में 12 हजार 9 सौ 92 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने ज्ञान और मोक्ष की पावन नगरी गया जी को नमन करते हुए विष्णुपद मंदिर की इस गौरवशाली भूमि से सभी को शुभकामनाएँ दीं। पीएम मोदी ने कहा कि गया जी की धरती अध्यात्म और शांति की धरती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसी पवित्र धरती पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गंगा नदी पर नवनिर्मित औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया। यह परियोजना, राज्य के बुनियादी ढाँचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगी, जिससे यात्रा सुगम होगी और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इस पुल से यात्रा का समय काफी कम होने के साथ-साथ दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंध भी मज़बूत होने की उम्मीद है।
गयाजी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने बक्सर में 660 मेगावाट क्षमता का थर्मल पावर प्लांट, मुजफ्फरपुर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, एनएच 31 का बख्तियारपुर से मोकामा क्षेत्र चार लेन रोड, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मुंगेर में एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क योजना, औरंगाबाद, बोधगया और जहानाबाद में जल आपूर्ति परियोजना की सौगात दी। बेगूसराय में छह लेन सिमरिया पुल का उद्घाटन हुआ। पीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 4,260 और ग्रामीण क्षेत्रों में 12,000 लाभार्थियों को गृह प्रवेश कराया। इनमें तीन ग्रामीण और दो शहरी परिवार शामिल रहे। इस अवसर पर पांच प्रमुख लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से अपने घरों की चाबी सौंपी।
उद्घाटन समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने राज्य और केंद्रीय नेतृत्व, दोनों के लिए इस परियोजना के महत्व को उजागर किया और बिहार में कनेक्टिविटी में सुधार और विकास को गति देने की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।