* न कोई नया नियम, न कंपनियों की मनमानी – यह है Google का अपडेट।
अनुराग तिवारी
नई दिल्ली। गुरुवार सुबह देशभर के एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स तब चौंक गए जब उन्होंने अपने मोबाइल में कॉल करने वाला डायल पैड और कॉल स्क्रीन बदला हुआ पाया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आशंका जताई कि शायद यह कोई नया सरकारी नियम है या फिर मोबाइल कंपनियां अब अपने हिसाब से फोन चला रही हैं। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। दरअसल, यह बदलाव किसी नियम या कानून के कारण नहीं बल्कि Google Phone ऐप में जारी नया “Material 3 Expressive Design”अपडेट है। गूगल ने अपने कॉलिंग ऐप का इंटरफ़ेस बदल दिया है और यह अपडेट धीरे-धीरे सभी यूजर्स तक पहुँच रहा है।
इस अपडेट के बाद कॉल रिसीव या रिजेक्ट करने का तरीका बदल गया है। पहले जहां कॉल उठाने या काटने के लिए ऊपर-नीचे स्वाइप करना पड़ता था, अब यूजर साइड में स्वाइप या एक टैप करके भी कॉल ले सकते हैं। कॉल स्क्रीन अब पहले से अधिक रंगीन और आधुनिक दिखने लगी है। कॉल के दौरान दिखने वाले बटन अब लंबे-गोल (पिल-शेप्ड) हो गए हैं और एंड कॉल बटन बड़ा तथा साफ दिखाई देता है।
इंटरफ़ेस में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब फोन ऐप में केवल तीन टैब रहेंगे – होम, कीपैड और वॉइसमेल। होम टैब में ही फेवरेट कॉन्टैक्ट्स और कॉल हिस्ट्री एक साथ दिखाई देंगे। कॉल हिस्ट्री में हर कॉल अलग-अलग दर्ज होगी, चाहे एक ही नंबर से कई बार कॉल क्यों न हुई हो। अचानक आए इस बदलाव से यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोगों को नया डिज़ाइन अच्छा लगा तो कई यूजर्स ने इसे असुविधाजनक बताया। एक यूजर ने लिखा, “पहले ऊपर-नीचे स्वाइप आसान था, अब साइड में करने से कॉल मिस हो जाती है।” वहीं कुछ का कहना है कि नया इंटरफ़ेस ज्यादा आकर्षक और तेज़ है।
विशेषज्ञों ने साफ किया है कि इस अपडेट का डाटा या सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह सिर्फ यूज़र इंटरफ़ेस का बदलाव है, जिसमें किसी तरह की जानकारी बाहर शेयर नहीं की जाती। यानी यूजर्स को घबराने की ज़रूरत नहीं है।
अगर किसी को नया तरीका पसंद नहीं है तो वह फोन की सेटिंग्स में जाकर “Incoming Call Gestures” विकल्प बदल सकता है। कुछ यूजर्स ऐप का डेटा क्लियर करने का सुझाव भी देते हैं, लेकिन यह अस्थायी उपाय है। अलग-अलग मोबाइल ब्रांड के हिसाब से यह अपडेट थोड़ा अलग दिख सकता है। कुल मिलाकर, भारत में अचानक बदले डायल पैड को लेकर फैली अफवाहें निराधार हैं। यह न तो कोई नया सरकारी नियम है और न ही मोबाइल कंपनियों की मनमानी। असलियत यह है कि गूगल ने अपनी कॉलिंग ऐप को और आधुनिक बनाने के लिए नया अपडेट जारी किया है। यूजर्स की सुरक्षा और डाटा पूरी तरह सुरक्षित है।