– आईबीएम और नासा ने मिलकर किया एडवांस्ड एआई टेलीस्कोप विकसित
नई दिल्ली: सूरज (sun), यूं तो हमारी धरती से कई लाख किलोमीटर दूर है लेकिन इसके बगैर हमारे जीवन का कोई मोल नहीं है। जरा सोचिए कि अगर आपको इस बात की पल-पल की जानकारी मिल सके कि आखिर सूरज पर मौसम (Season) कैसा और इसकी एनर्जी का धरती पर या हमारी जिंदगी पर कैसा असर पड़ता है तो कैसा रहेगा। हो सकता है कि आने वाले समय में इस बारे में कई अहम बातों को जान सकें।
बताते चलें कि अब सूरज की गतिविधियों पर वैज्ञानिक पहले से कहीं ज्यादा बारीकी से नजर रख सकेंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और टेक्नोलॉजी कंपनी आईबीएम ने मिलकर एक खास टेलीस्कोप विकसित किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से लैस है। यह टेलीस्कोप सूर्य की ऊर्जावान हलचलों को न सिर्फ रिकॉर्ड करेगा, बल्कि उनके पृथ्वी और अंतरिक्ष पर पड़ने वाले प्रभावों का भी विश्लेषण करेगा।
इस टेलीस्कोप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सूर्य से मिलने वाले हाई-रेजोल्यूशन डेटा को समझने में सक्षम है। इसके जरिए सौर तूफानों की पहचान पहले ही हो सकेगी, जिससे पृथ्वी पर मौजूद तकनीकी प्रणालियों को संभावित नुकसान से बचाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि समय रहते चेतावनी मिलने से सैटेलाइट, एयरलाइन नेविगेशन और बिजली ग्रिड जैसे अहम सिस्टम को सुरक्षित किया जा सकता है।
सौर तूफानों का असर अब तक कई बार तकनीकी व्यवधानों के रूप में देखने को मिला है। खासकर जीपीएस, इंटरनेट नेटवर्क और वायुयान संचार प्रणाली पर इनका गंभीर प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, अगर सौर विकिरण बहुत अधिक हो, तो यह अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। नासा और आईबीएम की यह साझेदारी आने वाले समय में स्पेस वेदर यानी अंतरिक्ष मौसम को लेकर कई बड़े सवालों के जवाब दे सकती है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस टेलीस्कोप की मदद से सूरज की ऊर्जा और उसके व्यवहार को पहले से बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा। यह न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिहाज से अहम है, बल्कि तकनीकी सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।