फोरेंसिक और कानूनी क्षेत्र में UPSIFS बने मील का पत्थर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान (Uttar Pradesh State Forensic Science Institute) (Lucknow) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आज सकुशल संपन्न हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति राजीव सिंह रहे। अन्य विशिष्ट अतिथियों में डॉ. पोरवी पोखरियाल (NFSU, दिल्ली), डॉ. अमरपाल सिंह (VC, RMLNLU) और श्री बृजेश सिंह (IPS, महाराष्ट्र) शामिल थे।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने कहा कि UPSIFS की गुणवत्ता, आधुनिक उपकरण और अत्याधुनिक पाठ्यक्रम इसे फोरेंसिक क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि संस्थान भविष्य के फोरेंसिक वैज्ञानिकों और कानूनी विशेषज्ञों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने फोरेंसिक विज्ञान के आधुनिक आयामों और UPSIFS की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्थान में उपलब्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम, उपकरण और तकनीक इस क्षेत्र में नई प्रगति के लिए मजबूत आधार प्रदान करते हैं। विशेषज्ञ वक्ताओं ने तकनीक और कानून के बीच संतुलन, साइबर अपराध की चुनौतियाँ और वैज्ञानिक जांच की महत्ता पर चर्चा की। प्रो. अमरपाल सिंह ने कानून को तकनीकी बदलाव के अनुरूप विकसित करने की आवश्यकता बताई। डॉ. पोरवी पोखरियाल ने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के आधार पर भारत में साइबर सुरक्षा सुधार की दिशा सुझाई। एडीजी बृजेश सिंह ने न्याय और कानून के शासन की मजबूती पर जोर दिया।
समापन सत्र में संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी ने “Law with Labs” और फॉरेंसिक एक सेवा के रूप में (FAAS) की पहलों का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि FAAS कानूनी और पुलिस विभागों को ऑन-डिमांड फोरेंसिक विशेषज्ञता प्रदान करती है और फोरेंसिक विज्ञान को विज्ञान और कानून के संगम के रूप में प्रस्तुत करती है। अपर निदेशक श्री राजीव मल्होत्रा ने सहयोग देने वाले सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। सम्मेलन में संस्थान के शैक्षणिक और प्रशासनिक संकाय के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।