फर्रुखाबाद: Farrukhabad की सड़कों (roads) को पिछले कुछ वर्षों में कई बार नापकर चौड़ा किया गया। लेकिन हालत यह है कि सड़कें अभी पूरी तरह संभल भी नहीं पाईं और अब नई 2031 योजना सामने आ गई है।
यह योजना ज़मीन पर उतरने से ज़्यादा “गूगल बाबा” की मदद से बनी हुई लगती है। जनभावना और वास्तविक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर बनाई गई यह योजना सवाल खड़े करती है। क्या विकास सचमुच जनता के हित में हो रहा है, या फिर यह केवल कागज़ी योजनाओं तक सीमित रह गया।
Ashok Katiyar का कहना है:
“विकास यदि जनभावनाओं के विपरीत होगा तो वह विकास नहीं, विनाश की शुरुआत होगा। हम चाहते हैं कि योजनाएं जनता की ज़रूरतों को देखते हुए बने। आप क्या चाहते हैं? आइए, बताइए और साथ आइए।”