– रियल एस्टेट डेवलपर्स ने दिया सहयोग का भरोसा
लखनऊ: Invest UP ने मंगलवार को वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) को बढ़ावा देने के लिए CREDAI के साथ अपने कार्यालय में राउंडटेबल बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने की। इसमें क्रेडाई प्रतिनिधियों, रियल एस्टेट डेवलपर्स और वाणिज्यिक स्पेस प्रदाताओं ने हिस्सा लिया। उद्देश्य उत्तर प्रदेश को जीसीसी के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने की संभावनाओं पर विचार करना था।
बैठक में प्रदेश की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त जैसे कुशल कार्यबल, किफायती अवस्थापना, बेहतर कनेक्टिविटी और हाल ही में लागू जीसीसी नीति 2024 को रेखांकित किया गया। यह नीति पूंजी व पेरोल सब्सिडी, ईपीएफ प्रतिपूर्ति और निवेशकों के ऑनबोर्डिंग के लिए समर्पित सहायता प्रकोष्ठ जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है। राज्य में हर साल दो लाख से अधिक तकनीकी स्नातक तैयार होते हैं और आठ हजार से ज्यादा उच्च शिक्षा संस्थान मौजूद हैं। अन्य केंद्रों की तुलना में यहां 40 फीसदी तक लागत लाभ भी मिलता है।
सरकार हब-एंड-स्पोक मॉडल पर जीसीसी इकोसिस्टम को मजबूत करने का काम कर रही है। इसके तहत नोएडा को वैश्विक हब, लखनऊ को उभरता हुआ हब और आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी व प्रयागराज को सैटेलाइट सेंटर्स के रूप में विकसित किया जाएगा। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि लखनऊ की एआई सिटी, आईटी सिटी, सीजी सिटी और यीडा का फिनटेक पार्क भविष्य में फ्यूचर-रेडी जीसीसी इकोसिस्टम बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
क्रेडाई सदस्यों ने पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।
डेवलपर्स ने कहा कि वे पहले से आईटी और आईटीएस कंपनियों तथा कुछ जीसीसी प्लेयर्स को ऑफिस स्पेस उपलब्ध करा रहे हैं और अब इन्वेस्ट यूपी के साथ समन्वय कर अपनी वाणिज्यिक कार्यस्थल इन्वेंट्री साझा करेंगे। कुछ डेवलपर्स ने यह भी बताया कि उनके पास पहले से ही कस्टमाइज्ड अवस्थापना मौजूद है जिसे जीसीसी की जरूरतों के अनुरूप बदला जा सकता है। इस संवाद में शालीमार ग्रुप, बीबीडी विराज, ऋषिता डेवलपर्स और एल्डेको हाउसिंग सहित कई प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनियां भी शामिल हुईं।