– एनडीए की रणनीति पर विपक्ष की करारी जवाबी चाल
नई दिल्ली: एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice Presidential Election) के लिए CP Radhakrishnan के नाम की घोषणा के बाद विपक्षी दलों के सामने दक्षिण भारत की राजनीति को ध्यान में रखते हुए एक रणनीतिक चुनौती खड़ी हो गई थी। दक्षिण भारत से उम्मीदवार के रूप में सीपी राधाकृष्णन का नाम सामने लाकर एनडीए ने द्रविड़ पार्टियों को धर्मसंकट में डालने की कोशिश की थी, क्योंकि एक दक्षिणी नेता का विरोध करना उनके लिए राजनीतिक रूप से कठिन हो सकता था।
हालांकि, विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने इस चाल का जवाब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को उनके नाम की घोषणा की और कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए रेड्डी के नाम पर सभी विपक्षी दलों में सर्वसम्मति है।
बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा से विपक्ष ने न केवल एनडीए की दक्षिण भारत आधारित रणनीति को जवाब दिया, बल्कि एक प्रतिष्ठित न्यायिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को उतारकर चुनाव को विचारधारा और योग्यता के आधार पर भी केंद्रित कर दिया है।
कौन है बी. सुदर्शन रेड्डी
बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था। उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की और 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने हैदराबाद स्थित आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में लंबा अनुभव प्राप्त किया। वर्ष 1988 से 1990 तक वे उच्च न्यायालय में सरकारी वकील रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील, और उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार के रूप में भी कार्य किया। 2 मई 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल 12 जनवरी 2007 से 8 जुलाई 2011 तक रहा।
तेलंगाना की सोशल इंजीनियरिंग में रोल
तेलंगाना की सोशल इंजीनियरिंग में बी. सुदर्शन रेड्डी का बड़ा रोल रहा है. तेलंगाना सरकार ने 2023 के विधानसभा चुनावों में किए गए वादे के तहत सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत सर्वेक्षण (SEEEPC) शुरू किया था. इस सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण करने और इसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता बी. सुदर्शन रेड्डी ने की.इस पैनल का मुख्य उद्देश्य था कि सर्वेक्षण में एकत्र किए गए डेटा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो. इसके अलावा इस पैनल की यह भी जिम्मेदारी थी कि वह यह सुनिश्चित करे कि आंकड़े विश्वसनीय, पारदर्शी और नीति निर्माण के लिए उपयोगी हों.
INDIA ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी पर क्यों लगाया दांव
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए INDIA ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके नाम की घोषणा करते हुए कहा कि विपक्ष के सभी दल इस फैसले पर एकमत हैं। दरअसल, विपक्ष एक ऐसे चेहरे की तलाश में था, जिसकी छवि पूरी तरह निष्पक्ष, गैर राजनीतिक और विश्वसनीय हो। बी. सुदर्शन रेड्डी इन सभी मानकों पर खरे उतरते हैं।
रेड्डी का नाम सामने आने के बाद अब तेलुगु देशम पार्टी (TDP), वाईएसआर कांग्रेस (YRSCP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी दक्षिण की पार्टियों के लिए समर्थन तय करना आसान नहीं रहेगा। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर द्रविड़ दलों के लिए रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को सामने लाकर इस चुनौती को जवाब दे दिया।
INDIA ब्लॉक का कहना है कि एनडीए का उम्मीदवार संघ से आया है, जबकि हमने सुप्रीम कोर्ट से लिया है। डीएमके दक्षिण से और तृणमूल कांग्रेस गैर राजनीतिक व्यक्ति चाहती थी, जिन्हें रेड्डी का नाम स्वीकार्य है। आम आदमी पार्टी ने भी उन्हें समर्थन दे दिया है। ऐसे में यह मुकाबला छवि और सिद्धांत की लड़ाई बन गया है।