फर्रुखाबाद। हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य की शुरुआत विघ्नहर्ता गौरी पुत्र भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना से होती है। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी का पर्व लोगों के बीच विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष भी भगवान गणेश के आगमन को लेकर लोगों में उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है। गणेश महोत्सव के दौरान हर साल की तरह इस बार भी भक्तिभाव का अनोखा नजारा देखने को मिलेगा, जब नगर की गलियां और पंडाल गणेश जी के जयकारों से गूंज उठेंगी।गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक बप्पा की धूम रहती है और इसी अवधि में फर्रुखाबाद का माहौल मिनी मुंबई जैसा नजर आने लगता है। शहर के आवास विकास गणेश प्रतिमाओं के निर्माण का बड़ा केंद्र है। यहां प्रतिमाएं बनाने वाले कारीगर न केवल अपनी कला से लोगों को आकर्षित करते हैं बल्कि परंपरा और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देते हैं।कारीगर मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं। प्रतिमाओं को मजबूती देने के लिए बांस की लकड़ी, घास फूस और अन्य प्राकृतिक साधनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे न केवल प्रतिमाएं आकर्षक और सुंदर बनती हैं बल्कि विसर्जन के समय प्रदूषण से बचाने में भी मदद मिलती है। यही कारण है कि जिले की गणेश प्रतिमाओं की विशेष पहचान बन चुकी है।प्रतिमाओं की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि फर्रुखाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों से लोग यहां आकर प्रतिमाओं का ऑर्डर देते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर इन प्रतिमाओं को बड़े उत्साह से अपने घरों और पंडालों में स्थापित किया जाता है और श्रद्धालु गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर मंगलकामनाएं करते हैं।इस वर्ष भी कारीगरों ने प्रतिमाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। कहीं रंगाई पुताई का काम चल रहा है तो कहीं अंतिम सजावट की जा रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में बप्पा के स्वागत को लेकर विशेष उमंग है।
गणेश महोत्सव की धूम, कारीगरों ने प्रतिमाओं को देना शुरू किया अंतिम रूप
