350 से अधिक गांव जलमग्न हजारों लोग प्रभावित
फर्रुखाबाद। जिले में बाढ़ का संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। मंगलवार को भी गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से गंगा नदी का 20 सेंटीमीटर और राम गंगा नदी का 5 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। पानी का लगातार बढ़ना ग्रामीणों के लिए दहशत का सबब बन गया है। बताया जा रहा है कि यह स्थिति पिछले 47 वर्षों में सबसे भयावह है।बाढ़ का सबसे ज्यादा असर कंपिल, कायमगंज, शमशाबाद,अमृतपुर, राजेपुर के गांवों पर पड़ा है। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 350 से अधिक छोटे-बड़े गांव अब तक जलमग्न हो चुके हैं। इन गांवों में रामपुर, जोगराजपुर, कटरी धरमपुर, हरिहरपुर, शरीफपुर छिछनी माजरा, जैतपुर, गढ़िया और काशीराम कॉलोनी जैसे इलाके प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं। निचले इलाकों के घरों में कमर तक पानी भर गया है, जिससे ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गए हैं।फसलों पर भी बाढ़ का कहर टूट पड़ा है। सैकड़ों हेक्टेयर धान, मक्का और बाजरे की फसल पानी में डूब गई है। किसान अब पूरी तरह से नुकसान की भरपाई की आस लगाए हुए हैं। वहीं पशुओं के चारे की किल्लत से पशुपालकों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
स्थिति को गंभीर देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में नावों और मोटरबोट्स के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। राहत शिविर रहमानिया इंटर कॉलेज, सलावत खान, अर्रापहाड़पुर उप-मंडी और कंपिल बहवलपुर गांव में बनाए गए हैं, जहाँ पीड़ितों को भोजन और अस्थायी ठहराव की सुविधा दी जा रही है। इसी प्रकार अमृतपुर तहसील के अंतर्गत रामनिवास महाविद्यालय, चित्रकोट गांधी में भी राहत सामग्री प्रदान की गई।
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमें तैनात कर दी हैं, ताकि महामारी जैसी कोई स्थिति न पनप सके। वहीं जिला प्रशासन की निगरानी टीमें लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 36 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है, जिनमें फर्रुखाबाद भी शामिल है। प्रदेश में अब तक 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं और 61 हजार हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पानी में डूब चुकी है। राहत कार्यों के लिए 1,222 बाढ़ आश्रय स्थल, 2,610 नावें व मोटरबोट्स तैनात की गई हैं।