हाईकोर्ट की टिप्पणी – राजनीतिक हैसियत और वंशवाद का बोलबाला, प्रतिभाओं को नहीं मिल रहा मौका
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में सरकारी वकीलों (Government Counsel) की नियुक्तियों को लेकर गंभीर टिप्पणियां की हैं। अदालत ने कहा कि इन नियुक्तियों में राजनीतिक हैसियत और वंशवाद का बोलबाला है, जिससे योग्य और प्रतिभाशाली अधिवक्ताओं को अवसर नहीं मिल पा रहा है।
हाईकोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा कि “प्रतिभाओं को मौका न देकर राजनीतिक दबाव और पारिवारिक पृष्ठभूमि को प्राथमिकता देना एक खतरनाक परंपरा है, जो न्याय की जड़ों को खोखली कर रही है।”
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसी प्रक्रिया से अदालतों में सरकार का प्रभावी पक्ष रखने के लिए सही और सक्षम अधिवक्ता सामने नहीं आ पाते, जिससे न्यायिक कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित बनाया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि युवा और प्रतिभाशाली अधिवक्ताओं को भी उचित अवसर मिले।
कानूनी जानकारों का मानना है कि हाईकोर्ट की यह टिप्पणी प्रदेश सरकार पर बड़ा दबाव बना सकती है। आने वाले दिनों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की संभावना भी जताई जा रही है।
हाईकोर्ट की इस टिप्पणी ने एक बार फिर “सरकारी पदों पर राजनीतिक दखल और वंशवाद” की बहस को हवा दे दी है।