रामानंद बालक इंटर कॉलेज में 208 तो जनता इंटर कालेज में 375 छात्रों को बूथ लगाकर खिलाई गई फाइलेरिया से बचाव की दवा
2 सितंबर तक चलेगा एमडीए अभियान
फर्रुखाबाद: जनपद सहित प्रदेश के 27 जिलों में इस समय फाइलेरिया (filariasis) उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है इसी को लेकर रामानंद बालक इंटर कॉलेज में 208 तो वही जनता इंटर कालेज में 375 छात्रों को बूथ लगाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा (medicine) खिलाई गई l इस दौरान पीसीआई संस्था से अनुपम मिश्र ने छात्रों को समझाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया l
साथ ही लिंजीगंज चिकित्सालय से संजय बाथम ने कई टीमों का भ्रमण कर अभियान की जानकारी ली l यह अभियान 2 सितंबर तक चलाया जायेगाl सीएमओ डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि जनसामान्य से अपील है कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है इससे बचने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाने वाली दवा का सेवन उनके सामने ही करें l
इस दौरान वी वी डी के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ सर्वेश यादव ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है।
खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी नौशाद अली ने बताया कि 2 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को फाइलेरिया की दवा दी जायेगी। दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमार, गर्भवती और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है। डीएमओ ने कहा कि अभी तक जिले के लगभग 2.26 लाख लोगों ने इस दवा का सेवन कर लिया है l शेष लोगों को भी जल्द ही इस दवा का सेवन करा दिया जाएगा l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
-मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
-घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
-*आसपास पानी न जमा होने दे
-गन्दे पानी में डीजल भी डाल दे
-चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
-पूरी बाजू का कपड़ा पहने