– सांसद की अपील के बावजूद स्थानांतरण, रिंग रोड की घोषणा भी कागज़ों में ही सिमटी
फर्रुखाबाद।जनपद की विकास योजनाओं को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का दफ्तर फर्रुखाबाद से हटाकर बरेली स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके चलते जिले में प्रस्तावित कई परियोजनाएं अधर में लटक गई हैं। सबसे अहम योजना – फर्रुखाबाद रिंग रोड – जिसकी घोषणा पूर्व में की गई थी, डीपीआर तक न बनने से अब ‘भविष्य के घर’ में चली गई है।
जानकारी के मुताबिक, फर्रुखाबाद से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का कुल लंबा नेटवर्क करीब 210 किलोमीटर है। इसमें मुख्य रूप से NH-730, NH-91A और NH-152 का हिस्सा शामिल है। इन सड़कों के रखरखाव और चौड़ीकरण कार्यों को गति देने के लिए यहां NHAI का कार्यालय खोला गया था।
स्थानीय सांसद मुकेश राजपूत ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर फर्रुखाबाद में ही कार्यालय बनाए रखने की मांग की थी। सांसद का कहना था कि जिले के मध्यवर्ती स्थान पर कार्यालय होने से कन्नौज, मैनपुरी, इटावा और हरदोई जनपदों को भी सुविधा मिल रही थी। मंत्री ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसके बावजूद कार्यालय को बरेली स्थानांतरित कर दिया गया।
कार्यालय के स्थानांतरण से जिले में चल रही परियोजनाओं पर असर साफ दिखाई देने लगा है। कई करोड़ रुपये लागत की रिंग रोड परियोजना की घोषणा लंबे समय से अधूरी पड़ी है। डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तक तैयार न होने के कारण अब यह योजना और भी पीछे खिसक गई है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति भी सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही है। फर्रुखाबाद-बरेली मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे और जाम की समस्या आम हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दफ्तर के स्थानांतरण से उनकी समस्याओं का समाधान और भी दूर हो गया है।
अब जिले के विकास कार्यों की निगरानी व अनुमोदन के लिए जिम्मेदारों को बरेली का चक्कर लगाना पड़ेगा। इससे छोटे कार्यों में भी देरी होगी और जनहित की योजनाएं अधर में लटकी रहेंगी।