किश्तवाड़: Jammu and Kashmir के किश्तवाड़ (Kishtwar) ज़िले में मचैल माता यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले चोसती गाँव में गुरुवार को बादल फटने (Cloudburst wreaks) से बड़ी तबाही हुई है। जिसमें जान-माल की क्षति की आशंका है। बचाव अभियान जारी है। प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए टीमों को भेजा है। उप-मंडल के चसोती गाँव में बादल फटने की घटना हुई, जो मंदिर जाने वाले रास्ते में आखिरी वाहन-योग्य गाँव है।
अधिकारियों के मुताबिक, बादल फटने से चिशोती गांव में अचानक बाढ़ आ गई और कई गांव प्रभावित हुए है, इस कहर में कम से कम 12 शव बरामद किए गए हैं और इलाके में कई लोग अभी भी लापता हैं। इस बाढ़ में कई घरों को नुकसान पहुंचा है। अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जान-माल की क्षति की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को किश्तवाड़ के एक गाँव में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद लोगों और तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष-सह-सहायता डेस्क स्थापित किया। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
यह नियंत्रण कक्ष पद्दार में स्थापित किया गया है, जो चोसिटी गाँव से लगभग 15 किलोमीटर दूर है, जहाँ यह आपदा आई थी। नियंत्रण कक्ष के लिए पाँच अधिकारियों को तैनात किया गया है। दिए गए नंबर हैं: 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, और 7006463710।
चसोती 9,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और किश्तवाड़ से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर बादल फटने से बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे अचानक बाढ़ आ गई। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा द्वारा सूचित किए जाने के बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।