नई दिल्ली: जैसे बैंक खाता पैसों को रखने के लिए होता है, वैसे ही शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और अन्य सिक्योरिटीज़ रखने के लिए डीमैट खाता (Demat Account) बनाया जाता है। डीमैट का पूरा नाम ‘डीमैटेरियलाइज्ड अकाउंट’ है, जिसमें कागज़ी शेयर सर्टिफिकेट को digital रूप में बदलकर सुरक्षित रखा जाता है।
पहले निवेशक को शेयर खरीदने पर कागज़ का सर्टिफिकेट दिया जाता था, लेकिन अब ये सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन डीमैट खाते में संग्रहीत रहते हैं। इस खाते के जरिये शेयरों की खरीद-बिक्री और होल्डिंग का पूरा रिकॉर्ड कभी भी देखा जा सकता है।
डीमैट खाते का संचालन देश की दो प्रमुख डिपॉजिटरी कंपनियां — सीडीएसएल और एनएसडीएल — करती हैं, जबकि इसे बैंक या ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से खोला जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुविधा और निवेश में बढ़ती रुचि के चलते डीमैट खातों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।


