ठेकेदार और विभाग की लापरवाही से कर्मचारियों में गुस्सा, परिवारों का चलाना हुआ मुश्किल
भानू सौरभ कटियार
फर्रुखाबाद: जनपद के ब्लॉक कमालगंज और सियापुर क्षेत्र (Block Kamalganj and Siyapur area) में जलापूर्ति व्यवस्था संभालने वाले पानी टंकी ऑपरेटर पिछले आठ महीनों से बिना वेतन (No salary) के कार्य करने को मजबूर हैं। इन कर्मचारियों को प्रति माह 8 हजार रुपये वेतन निर्धारित है, लेकिन ठेकेदारों द्वारा उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया गया। इसके बावजूद ऑपरेटर चौबीसों घंटे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, ताकि गांवों में पीने के पानी की सप्लाई बाधित न हो।
कमालगंज ब्लॉक के कई गांवों में लगी पानी टंकियों पर तैनात ऑपरेटर लगातार चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। ऑपरेटरों का कहना है कि वे टंकी परिसर में ही अधिकतर समय मौजूद रहते हैं, ताकि किसी भी तकनीकी खराबी या पानी सप्लाई रुकने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकें। गाँव सियापुर की पानी टंकी के संचालक राधेश्याम गौतम ने बताया कि इस्लामगंज समेत कई गांवों में भी यही स्थिति है। “हम सभी ऑपरेटरों से 24 घंटे ड्यूटी ली जा रही है, लेकिन पिछले आठ महीनों से वेतन नहीं मिला। परिवार का खर्च चलाना बेहद मुश्किल हो गया है, फिर भी हम काम बंद नहीं कर रहे क्योंकि जनता को पानी मिलना जरूरी है।”
कर्मचारियों का आरोप है कि वेतन भुगतान की जिम्मेदारी ठेकेदारों की है, लेकिन वे महीनों से टालमटोल कर रहे हैं। विभाग भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। कई बार शिकायत के बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। बिना वेतन के इतने लंबे समय तक काम करने से ऑपरेटरों के परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। कई कर्मचारियों को बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।
ऑपरेटरों का कहना है कि अगर जल्द वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो वे मजबूर होकर कार्य बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। ग्रामीणों को डर है कि अगर ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए, तो जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो जाएगी, जिससे पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।