सुबह 8 बजे तक जलस्तर में कमी नहीं, तटीय गांवों में दहशत का माहौल
फर्रुखाबाद: गंगा (Ganga) नदी का जलस्तर रविवार सुबह 8:00 बजे तक भी खतरे के निशान (danger level) से ऊपर दर्ज किया गया, जिससे गंभीर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी और तेज बहाव से नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा और गहरा गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, वर्तमान में गंगा का जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है, और यदि बारिश का क्रम व अपस्ट्रीम से पानी का छोड़ा जाना जारी रहा, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
निचले इलाकों में जलभराव
फतेहगढ़ व कमालगंज क्षेत्र के निचले हिस्सों में नदी का पानी भरना शुरू हो गया है। गंगा किनारे बसे गांव जैसे नगला बरी, भाऊपुर, नगला घुमानी, जसौती, अलावलपुर समेत कई इलाकों में खेत जलमग्न हो गए हैं। कुछ जगहों पर ग्रामीण अपने मवेशियों व जरूरी सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं।
प्रशासन सतर्क, अलर्ट जारी
जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा है। नावों व राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। राजस्व व पुलिस विभाग की टीमें प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। ग्राम प्रधानों और लेखपालों को सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। नदी किनारे रहने वाले लोग जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से चिंतित हैं। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि 2010 जैसी बाढ़ की आशंका इस बार भी नजर आ रही है। यदि जलस्तर अगले 24 घंटों में नहीं घटा, तो घरों तक पानी पहुंचने का खतरा बढ़ जाएगा।
स्वास्थ्य और पेयजल चुनौती
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सेवाएं चुनौती बन रही हैं। प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल टीमों के साथ तैनात रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि बाढ़ के दौरान फैलने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सके।