– गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर, रामगंगा में भी उछाल
फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी (DM) आशुतोष कुमार द्विवेदी पुलिस अधीक्षक (SP) आरती सिंह के में रविबार बाढ़ को देखते हुए अमृतपुर तहसील क्षेत्र में आशा की मड़ैया उदयपुर सबलपुर कंचनपुर का मोटर बोट (motorboat) पर बैठकर निरीक्षण किया। बाढ़ को लेकर ग्रामीणों से बातचीत की ग्रामीणों ने बताया है की पूरी तरह से तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है जिसको लेकर उप जिला अधिकारी संजय सिंह को जिला अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से राहत सामग्री वितरण करने के निर्देश दिए साथ ही बताया कि हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं।
प्रशासन ने सबलपुर में पहुंचकर राहत सामग्री के बारे में जानकारी की, आशा की मढैया में डॉक्टर नेहा गुप्ता के द्वारा 53 मरीजों को दवा वितरण की गई जिसे पहुंचकर जिला अधिकारी ने जानकारी ली तो डॉक्टर ने बताया कि एलर्जी के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। वही गंगा की बाढ़ का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है।दो दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है।जहां बाशिंदों को आम जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई हों रही है।वही पालतू जानवरों की चारे की समस्या भी काफी अधिक हो गई है।
चाचूपुर जटपुरा निवासी कई ग्रामीणों के खेत बेला की मड़ैया में है, जहां कई फिट तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है।ऐसा ही हाल तीसराम की मड़ैया, आशा की मड़ैया और अन्य गांव का है।अंबरपुर निवासी राम प्रकाश ने बताया कि गांव के अन्दर तक बाढ़ का पानी है।खेतों में चारे की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। जानवरों के लिए करीब 5/6 किमी का सफर करके ऊजरा मऊ शेराखार जाकर चारा लाना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी में घुसकर भी चारा काटना मजबूरी है। जिसके कारण रामगंगा के जलस्तर 136.25 पर पहुंच गया अगले 24 घंटे में जलस्तर में बड़े स्तर पर वृद्धि के आसार है।
वही सुबह गंगा नदी में नरौरा बांध से 305041 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे गंगा का जलस्तर बढ़कर 137.20 पर पहुंच गया वही रामगंगा नदी में 11467 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके कारण कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट, मंझा, बनारसी पर समेत दो दर्जन से अधिक पानी की चपेट में गांव आ गए हैं अंबरपुर के ग्रामीणों ने फर्रुखाबाद बदायूं मार्ग पर पन्नी तानकर रहना शुरू कर दिया है जिलाधिकारी ने बताया है की बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने का प्रयास किया जा रहा है।