शाहजहांपुर: जनता की रक्षा का दम भरने वाली खाकी का ऐसा कारनामा सामने आया है जिसने पूरे जिले ही नहीं, बल्कि Lucknow दरबार तक हड़कंप मचा दिया। शाहजहांपुर (Shahjahanpur) की अल्लाहगंज पुलिस पर दो सिपाहियों ने अपनी वर्दी की आबरू को नीलाम कर डाला। आरोप है कि पीड़ित से धमकी देकर 25 लाख की डिमांड की गई। मामला तूल पकड़ने पर जब पीड़ित ने हिम्मत जुटाई और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक तक अपनी बात पहुंचाई तो पुलिस महकमे में भूचाल आ गया।
थाना अल्लाहगंज क्षेत्र के शिवपुरी निवासी मोनू राठौर के खाते में अचानक 3 जुलाई को 50 लाख रुपये किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ट्रांसफर किए गए। चंद मिनटों में ही यह रकम पांच अलग-अलग खातों में फर्जी तरीके से निकाल ली गई। परेशान मोनू राठौर बैंक अधिकारियों से लेकर थाने तक दौड़ लगाता रहा, लेकिन हर जगह से केवल निराशा ही मिली।
इसी बीच खबर जब थाना अल्लाहगंज में तैनात सिपाही धर्मेंद्र और जावेद अली तक पहुंची तो उन्होंने पीड़ित की परेशानी को मौका बना लिया। आरोप है कि दोनों सिपाहियों ने मोनू पर दबाव डालकर कहा –25 लाख दो, वरना तुम्हें ही फर्जी लेनदेन के केस में फंसा देंगे धीरे-धीरे यह फिरौती की डिमांड 25 लाख से घटकर 10 लाख तक पहुंच गई। लेकिन मोनू ने हिम्मत नहीं हारी और चालाकी से इन वर्दीवालों की पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली।
जब जिले के आला अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे तो मोनू राठौर ने सीधे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के दरबार में हाजिरी दी। रिकॉर्डिंग सामने आते ही पूरा महकमा सकते में आ गया और आनन-फानन में एसपी राजेश द्विवेदी ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर जांच बिठा दी।
अब बड़ा सवाल यह है कि जिस वर्दी पर आमजन अपनी सुरक्षा का भरोसा करता है, वही जब फिरौती और दबंगई का अड्डा बन जाए तो जनता आखिर किससे इंसाफ की उम्मीद करे? छोटे-छोटे गुंडों पर कार्रवाई का दम भरने वाले जिम्मेदार अफसर खुद के दामन पर लगे दाग को कब धोएंगे?
यह घटना सिर्फ मोनू राठौर की नहीं है, बल्कि हर उस आम आदमी की कहानी है जो सिस्टम से टकराने पर खुद को अकेला और असहाय महसूस करता है। सवाल उठना लाजिमी है – क्या खाकी का काम जनता की रक्षा है या फिर जेबें भरना?