नवाबगंज: थान क्षेत्र के गांव कांधेमई में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ, जब 10 वर्षीय कुमारी लक्ष्मी यादव परचून की दुकान से सौदा लेकर लौट रही थी। रास्ते में अचानक एक पुरानी कच्ची दीवार गिर गई, जिसके मलबे में लक्ष्मी दब गई। गंभीर रूप से घायल बच्ची (Innocent injured) को पहले फर्रुखाबाद लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सैफई मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है।घटना सुबह करीब 8 बजे की है। बुद्ध पाल यादव की पुत्री लक्ष्मी, जो गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 2 की छात्रा है, परचून की दुकान से लौट रही थी, तभी मोहल्ले में प्रताप सिंह यादव के मकान की जर्जर दीवार अचानक भरभराकर गिर गई।
दीवार काफी समय से क्षतिग्रस्त अवस्था में थी, जिसे लेकर मोहल्ले वालों ने कई बार आगाह भी किया था, लेकिन दीवार को नहीं गिराया गया।गली में पानी भरा होने के कारण पड़ोसी देवेंद्र उर्फ गुनीराम को जब मलबे में कुछ हलचल महसूस हुई, तो उन्होंने मिट्टी हटानी शुरू की। पास की परचून दुकान के दुकानदार रामावतार ने संदेह जताया कि अभी-अभी लक्ष्मी दुकान से सामान लेकर गई थी, और संभवतः वह भी मलबे के नीचे हो सकती है। इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर मिट्टी हटाई तो लक्ष्मी मलबे के नीचे दबी हुई मिली।
परिजन मौके पर पहुंचे और बच्ची को तुरंत निजी वाहन से अस्पताल ले गए। लक्ष्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है।ग्राम प्रधान सुमन यादव ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बालिका की स्थिति गंभीर है और उसे सैफई रेफर कर दिया गया है।जानकारी के अनुसार लक्ष्मी पिछले दो वर्षों से अपने मामा कृष्णचंद्र के पास कांधेमई गांव में रह रही थी, क्योंकि उसके नाना का निधन हो चुका है और नानी वृद्ध हैं। लक्ष्मी की मां अंजली देवी ने उसे यहीं छोड़ रखा है, जहां वह पढ़ाई के साथ घरेलू कार्यों में भी सहयोग करती है। लक्ष्मी का मूल गांव मितौलीया थाना अलीगंज, जिला एटा है। रक्षाबंधन के अवसर पर पूरा परिवार इन दिनों कांधेमई में ही मौजूद था।