रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Jharkhand Chief Minister) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन (Shibu Soren) के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर है। लंबे समय से बीमार चल रहे 80 वर्षीय शिबू सोरेन ने रांची के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही राजनीतिक, सामाजिक और जनसामान्य के बीच शोक की भावना फैल गई।
इस दुखद क्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रांची पहुंचे और अस्पताल में शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर के दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने शोकाकुल परिजनों से मिलकर संवेदनाएं प्रकट कीं और कहा कि “गुरुजी का जीवन संघर्ष, सेवा और सामाजिक न्याय को समर्पित रहा। उनका योगदान झारखंड और देश की राजनीति में अविस्मरणीय है।”
प्रधानमंत्री की इस आत्मीय उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद शिबू सोरेन जैसी शख्सियतों के प्रति पूरे देश का सम्मान है।राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो उनके पुत्र भी हैं, ने कहा कि “मैंने केवल अपने पिता ही नहीं, झारखंड की आत्मा को खो दिया है।”
देश भर के नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। झारखंड के कई जिलों में शोकसभाओं का आयोजन किया जा रहा है। गौरतलब है कि शिबू सोरेन न केवल एक राजनीतिक नेता थे, बल्कि आदिवासी समाज की आवाज भी थे। उनके संघर्षों और उपलब्धियों को आने वाली पीढ़ियाँ लंबे समय तक याद रखेंगी।