दिल्ली: बिहार में मतदाता सूची को लेकर सियासी घमासान मच गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने दावा किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। उन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई।
हालांकि चुनाव आयोग ने तुरंत सफाई दी और स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में मौजूद है। आयोग ने कहा कि कहीं कोई तकनीकी या प्रशासनिक चूक नहीं हुई है। लेकिन असली विवाद तो इसके बाद शुरू हुआ जब यह सामने आया कि तेजस्वी यादव के नाम पर दो अलग-अलग EPIC नंबर दर्ज हैं। यानि उनके पास दो वोटर आईडी नंबर हो सकते हैं। इस खुलासे ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लपकते हुए तेजस्वी पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेताओं ने पूछा कि क्या यह चुनावी कानून का उल्लंघन नहीं है। पार्टी ने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया है।
वहीं तेजस्वी यादव की ओर से अब तक इस नए आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आने वाले दिनों में यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है क्योंकि यह सीधे चुनावी पारदर्शिता और नेताओं की साख से जुड़ा मामला बन चुका है।