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Monday, August 4, 2025

पूर्व सांसद अब परप्पना अग्रहारा जेल के कैदी 15528

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– उम्रकैद मिलने के बाद गुजरी पहली रात,
– जेल में पहली रात भावुक दिखे
– प्रज्वल रेवन्ना को नहीं मिलेगी कोई खास सुविधा
– आम कैदी की तरह करना होगा 8 घंटे काम

बेंगलुरु: कर्नाटक की सियासत में कभी उभरते चेहरे रहे प्रज्वल रेवन्ना की पहचान अब बदल चुकी है। शनिवार को अदालत से दोहरे आजीवन कारावास (jail) की सजा मिलने के बाद जैसे ही वह परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार पहुंचे, उनकी नई पहचान बन गई — कैदी नंबर 15528। बलात्कार के गंभीर मामले में दोषी ठहराए गए प्रज्वल रेवन्ना को अदालत ने दो बार उम्रकैद और कुल ₹11.50 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई। इनमें से ₹11.25 लाख पीड़िता को दिए जाएंगे। सजा के बाद उन्हें जेल के अपराधी बैरक में रखा गया है और सफेद वर्दी पहनाई गई है। जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उन्हें किसी भी प्रकार की विशेष सुविधा नहीं मिलेगी और बाकी कैदियों की तरह उन्हें भी जेल की निर्धारित दिनचर्या का पालन करना होगा।

जेल सूत्रों के अनुसार, प्रज्वल ने अपनी पहली रात बेहद बेचैनी में गुजारी। मेडिकल जांच के दौरान वह भावुक नजर आए और कई बार उनकी आंखों में आंसू देखे गए। फिलहाल उन्हें हाई-सिक्योरिटी कमरे में रखा गया है, जहां सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। जेल के नियमों के अनुसार, उन्हें प्रतिदिन न्यूनतम 8 घंटे का कार्य करना होगा। शुरुआत में प्रज्वल को अकुशल श्रमिक के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है, जिसके तहत उन्हें ₹524 मासिक वेतन मिलेगा। प्रदर्शन के आधार पर उन्हें कुशल श्रेणी में पदोन्नत किया जा सकता है।

प्रज्वल रेवन्ना पर घरेलू सहायिका के साथ बार-बार बलात्कार, यौन उत्पीड़न, कपड़े उतारने की नीयत से हमला, आपराधिक धमकी, सबूत मिटाने और गोपनीयता के उल्लंघन जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। भारतीय दंड संहिता की धाराएं 376(2)(के), 376(2)(एन), 354ए, 354बी, 354सी, 506, 201 और आईटी एक्ट की धारा 66ई के तहत उन्हें दोषी करार दिया गया।

अदालत ने धारा 376(2)(के) और 376(2)(एन) के अंतर्गत दोहरे आजीवन कारावास, धारा 354ए के तहत 3 वर्ष का कठोर कारावास और ₹25,000 जुर्माना, धारा 354बी के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास और ₹50,000 जुर्माना, तथा धारा 354सी के तहत 3 वर्ष का कारावास और ₹25,000 जुर्माना भी लगाया। एसआईटी जांच में दोषी पाए गए प्रज्वल अब एक आम कैदी की तरह जेल जीवन जीने को विवश हैं। कभी राजनीतिक गलियारों में चमकने वाला नाम अब सिर्फ कैदी नंबर 15528 के तौर पर जाना जाएगा।

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