– उत्तर भारत में बाढ़ से तबाही का मंजर
– गांव जलमग्न, लोग पलायन को मजबूर
– यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान और एमपी में हालात बेकाबू, घाट डूबे, शवदाह तक ठप
– प्रशासन की लोगों से अपील है कि चेतावनियों का पालन करें।
– कई जिलों में रिकॉर्ड वर्षा दर्ज
लखनऊ: उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy rain) ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे हजारों गांव जलमग्न हो गए हैं। घरों में पानी घुस गया है, खेतों में फसलें डूब गई हैं और लोग अपने आशियाने छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा राहत व बचाव कार्य तेज़ किए गए हैं, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों में भय और असहायता का माहौल है।
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के भीतर सुबह 8:30 बजे तक कई जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी से लेकर पश्चिमी यूपी तक मानसून ने जोरदार दस्तक दी है, जिससे मौसम में ठंडक तो आई है, लेकिन कई जगहों पर जलभराव और जनजीवन प्रभावित हुआ है।
भदोही में सबसे ज्यादा 117 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि लखीमपुर खीरी में 115.8 मिमी वर्षा दर्ज हुई। प्रतापगढ़ में 110 मिमी, सोनभद्र में 93 मिमी और वाराणसी में 87.6 मिमी बारिश हुई। राजधानी लखनऊ में भी 40.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो अलीगढ़ में 100 मिमी, मथुरा में 76 मिमी, हाथरस में 65 मिमी, फिरोजाबाद में 62.4 मिमी और बदायूं में 44 मिमी बारिश दर्ज की गई। एटा में 40 मिमी और झांसी में 35.2 मिमी वर्षा हुई है।
राज्य में हुई इस बारिश से जहां किसानों को राहत मिली है, वहीं शहरों में पानी भराव और यातायात की समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक कुछ जिलों में और बारिश की संभावना जताई है।
वाराणसी: गंगा का जलस्तर खतरे के पार, शवदाह तक बाधित –
वाराणसी में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। 84 घाट और मंदिर जलमग्न हो गए हैं। वरुणा नदी के डूब क्षेत्र में कई बस्तियों में पानी भर चुका है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह प्लेटफॉर्म तक पानी पहुंच गया है, जिसके चलते शवों को नाव पर रखकर ऊंचे स्थानों पर ले जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। गंदगी और नाविकों की मनमानी वसूली से शोकग्रस्त परिवारों की परेशानी और बढ़ गई है।
उत्तराखंड: उधम सिंह नगर में रेबड़ा नदी का कहर
उधम सिंह नगर ज़िले की रेबड़ा सहित कई नदियाँ सामान्य जलस्तर से ऊपर बह रही हैं। सबसे अधिक प्रभावित बाजपुर क्षेत्र में घरों में पानी घुस चुका है। नैनीताल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बाधित हो गया है, जिससे लोगों का संपर्क टूट गया है।
राजस्थान: भरतपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ा-
भरतपुर जिले में लगातार बारिश के चलते नदी-नालों में उफान आ गया है। कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। खेतों में पानी भर जाने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है और राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। एनडीआरएफ और स्थानीय आपदा प्रबंधन टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन बाढ़ की तीव्रता को देखते हुए हालात अभी नियंत्रण से बाहर नजर आ रहे हैं।
कानपुर: टूटी सड़क पर धान रोपकर विरोध प्रदर्शन
कानपुर के रामगोपाल चौराहा से आनंद साउथ सिटी तक की सड़क बरसात में कीचड़ और जलभराव से बदहाल हो चुकी है। लंबे समय से सड़क की मरम्मत न होने से नाराज़ समाजवादी पार्टी के पार्षद अर्पित और उनके कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धान रोपकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले एक लड़की के गिरने पर उसके पिता ने पानी में लेटकर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया था।
प्रयागराज: गंगा-यमुना का संगम क्षेत्र जलमग्न
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। संगम क्षेत्र, दारागंज और आसपास की बस्तियों में पानी भर गया है। प्रशासन ने कई घाटों को बंद कर दिया है और लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।