ग्राम पुस्तकालयों में पहुंचे फर्रूखाबाद की सांस्कृतिक विरासत
फर्रूखाबाद: जनपद के साहित्य और संस्कृति को नई उड़ान देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी (District Magistrate) आशुतोष कुमार द्विवेदी ने एक सराहनीय और दूरदर्शी कदम उठाया है। उन्होंने Farrukhabad की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर केंद्रित पुस्तकों के लेखकों से आग्रह किया है कि वे अपनी प्रकाशित कृतियों और उनकी सूची सहित जिलाधिकारी कार्यालय में संपर्क करें। यह पहल ग्राम पंचायतों में स्थापित की जा रही पुस्तकालयों के लिए उपयोगी पुस्तकों की खरीद हेतु की जा रही है।
इस अभूतपूर्व प्रयास का उद्देश्य न केवल ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है, बल्कि स्थानीय लेखकों, इतिहासकारों और साहित्यकारों की मेहनत को भी सार्वजनिक मंच प्रदान करना है। इससे गाँव-गाँव में स्थापित हो रही पुस्तकालयें केवल सामान्य पुस्तक केंद्र नहीं, बल्कि स्थानीय ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर की जीवंत पाठशालाएं बनेंगी।
जिलाधिकारी द्वारा की गई यह अपील साफ़ तौर पर यह दर्शाती है कि प्रशासन अब केवल विकास के भौतिक मानकों तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास को भी समान महत्व दे रहा है। इससे एक ओर जहां लेखकों को अपनी रचनाओं के प्रचार-प्रसार का अवसर मिलेगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण युवा अपनी मिट्टी की खुशबू और इतिहास से गहराई से जुड़ पाएंगे।
फर्रूखाबाद जैसे ऐतिहासिक नगर में यह पहल न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर सकती है। यदि इसे गंभीरता से आगे बढ़ाया गया, तो यह जिले के बौद्धिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा।
जिन लेखकों की पुस्तकें फर्रूखाबाद की संस्कृति, इतिहास या धार्मिक पहचान पर आधारित हैं, वे अपनी कृतियों की सूची सहित जिलाधिकारी कार्यालय से संपर्क करें, ताकि पुस्तक चयन और खरीद प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जा सके। यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी को गौरवपूर्ण अतीत से जोड़ने का माध्यम बनेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अमूल्य धरोहर छोड़ जाएगी।