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Thursday, October 9, 2025

शिक्षा विभाग की मनमानी अभिभावक की परेशानी

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गोंडा: जिला के ब्लॉक रुपईडीह में चला रहे निजी विद्यालय संचालकों के खिलाफ आज तक जितने भी सरकारी फरमान जारी हुऐ सब हवा हवाई ही साबित हुए, क्योंकि जनवरी 2024 मे राम पियारे शिक्षण संस्थान (Teaching institute) के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा आधिकारी (District Basic Education Officer) प्रेमचंद्र यादव ने जिलाधिकारी के ठंडी मे छुट्टी घोषित के बावजूद भी अपने स्कूल में एलकेजी से लेकर के आठवीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाकर घने कोहरे में भी अपना स्कूल संचालित कर रहे थे, जिसमें किसी भी बच्चे को ठंड से बच्चे की तबियत बिगड़ सकती थी, जिसको त्वरित संज्ञान में लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इस विधालय के खिलाफ स्कूल बंद कर करके उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया था ,लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

राम प्यारे शिक्षण संस्थान का सूत्रों के अनुसार पांचवी तक की मान्यता प्राप्त है लेकिन वहां पर जूनियर हाई से लेकर के इंटर तक के बच्चों का शिक्षण कार्य अप्रशिक्षित शिक्षक द्वारा करवाया जा रहा है जिसकी शिकायत ससमाजसेवियों के द्वारा जिला के उच्च अधिकारियों को शिकायत भी की गई लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई राम पियारे शिक्षण संस्थान के निजी संचालक कन्हैयालाल के खिलाफ कई लोगों ने मानक से ज्यादा फीस वसूलने का आरोप भी बच्चों द्वारा लगाया गया है वह निजी प्रकाशन की किताबे चलवाई जा रही है जो अभिभावक के जेब पर भारी पड़ रहा है जिसकी शिकायत कई लोगों ने कई बार किया है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

वहीं हाल ही में खरगूपुर स्थित लिटिल स्टार स्कूल के संचालक के खिलाफ निजी प्रकाशन की किताब में चला करके मूल्य से ज्यादा रुपए लेने का एक रसीद सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसकी खबर प्रमुखता से भारत कनेक्ट द्वारा छापी गई थी और शिकायत भी खंड विकास अधिकारी रुपईडीह से गई थी, लेकिन आज तक उसके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं की गई निजी विद्यालय संचालकों के खिलाफ आज तक जितने भी सरकारी आदेश फरमान किए गए सारे आदेश सिर्फ माननीयों के संरक्षण से सब हवा हवाई साबित हो रहा है जिससे निजी विद्यालय संचालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है अभिभावक बच्चों को शिक्षा दिलाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं।

भारत सरकार द्वारा एक स्लोगन जारी किया गया है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जब इस तरह से निजी विद्यालय के संचालकों द्वारा मानक से अधिक फीस निजी प्रकाशन की किताबें निजी ड्रेस जूता व जितने भी अन्य सामग्री हैं सब प्राइवेट अपनी चहेतों की दुकानों से खरीदवा करके मनमानी रुपया वसूला जा रहा है, जो अभिभावक के जेब पर डाका डाल रहे हैं सरकार को चाहिए कि जितने भी निजी विद्यालय हैं।

सब में एक मानक के अनुसार फीस व सरकारी प्रकाशन की किताबें संचालित करने का आदेश करना चाहिए जिससे सभी बच्चे समान रूप से शिक्षा ग्रहण कर सके,वही 163 विद्यालयों के सापेक्ष सिर्फ आठ स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करके उनके संचालको के ऊपर कारवाई न करने का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी द्वारा दिया गया था लेकिन पड़ताल में मिला 8 स्कूलों में भी अभी सिर्फ तीन स्कूल ही बंद मिले और सारे स्कूल पूर्णतया संचालित है, इस संबंध में जब जिला बेसिक शिक्षा आधिकारी अतुल कुमार तिवारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि टीम गठित की गई है ,इन लोगों के खिलाफ जांच करवा करके कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी वह स्कूल बंद कराया जाएगा जिससे सभी अभिभावकों को शिक्षण कार्य करने में कोई परेशानी ना हो।

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