अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद हो रहा था निर्माण, विरोध करने पर लहूलुहान हुए परिजन
बाराबंकी: पुश्तैनी जमीन के विवाद में रविवार को उस समय बवाल मच गया जब न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद दबंगों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया। विरोध करने पहुंचे चाचा-भतीजे पर धारदार हथियार से हमला (attacked) कर उन्हें लहूलुहान कर दिया गया। घायल अवस्था में दोनों मसौली थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए सीएचसी बड़ागांव भेजा।
जानकारी अनुसार ग्राम त्रिलोकपुर निवासी नितेश जयसवाल पुत्र स्व. अतुल जयसवाल का अपने चाचा संजय जयसवाल से वर्षों से भूमि विवाद चला आ रहा है। यह मामला दीवानी अदालत में लंबित है और 1998 से इस पर स्थगन आदेश भी लागू है। पीड़ित नितेश ने बताया कि रविवार को चाचा संजय जयसवाल अपने पुत्र अखिल, रौनक और निजामपुर निवासी सुरेंद्र व उसके बेटे नवनीत समेत करीब एक दर्जन लोगों के साथ मिलकर विवादित भूमि पर जबरन निर्माण कार्य करा रहे थे। विरोध करने पर सुरेंद्र ने बांके से उसके सिर पर वार कर दिया।
इसके बाद अन्य लोगों ने नितेश को चारों ओर से घेर कर पीटना शुरू कर दिया। बीच-बचाव करने पहुंचे नाबालिग प्रिंस पर भी लाठियों से हमला कर दिया गया। शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों को देख हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। लहूलुहान हालत में चाचा-भतीजा मसौली थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया है और मामले की जांच में जुट गई है।


