फर्रुखाबाद: राज्य सरकार जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी और जनहितकारी बनाने के लिए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई कर रही है, वहीं कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के नाम पर खुली लूट का खेल जारी है।
मरीजों के आरोपों के मुताबिक, यहां डॉक्टरों द्वारा ड्रिप, इंजेक्शन और दवाइयों के नाम पर खुलेआम मोटी वसूली की जा रही है।अस्पताल में बाहर की महंगी दवाइयां लिखी जाती हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में ये दवाएं निशुल्क उपलब्ध हैं। स्थिति तब और शर्मनाक हो जाती है जब स्त्री एवं प्रसूति विभाग में महिलाओं से डिलीवरी और अन्य प्रक्रियाओं के नाम पर हज़ारों रुपये की उगाही की जाती है। डॉक्टर यह कहकर बचाव करते हैं कि बाहर एमबीबीएस डॉक्टर से इलाज कराओ तो महंगा पड़ेगा, हम तो सस्ता कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि कुछ डॉक्टर तो अस्पताल परिसर में ही प्राइवेट तौर पर मरीजों को भर्ती कर इलाज करते हैं और उन्हें बाकी मरीजों से अलग, बढ़िया सुविधाएं दी जाती हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि जैसे ही किसी वरिष्ठ अधिकारी का दौरा प्रस्तावित होता है, पहले ही सूचना डॉक्टरों को मिल जाती है और सारे गड़बड़ी के निशान मिटा दिए जाते हैं।
स्थानीय जनता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की गोपनीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। लोग यह भी पूछ रहे हैं कि जब सरकार जनस्वास्थ्य सुधार के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है, तो फिर फर्रुखाबाद जैसे जिलों में लापरवाही और लूट क्यों बर्दाश्त की जा रही है? अब सवाल उठता है क्या स्वास्थ्य मंत्री के अभियान को ऐसे कमाई केंद्र पलीता लगाते रहेंगे या फिर अब किसी बड़ी कार्रवाई का इंतजार खत्म होगा?


