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Monday, October 27, 2025

अवैध तंबाकू कारोबार का असली सरगना कौन?

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– बसपा नेता अशोक मौर्य का नाम फिर विवादों में, ईडी और जीएसटी विभाग की नजर में आया पूरा गैंग

अलीगढ़/एटा/कायमगंज | हाल ही में अलीगढ़ में पकड़े गए करोड़ों रुपये के अवैध तंबाकू ट्रक की परतें जब खुलनी शुरू हुईं, तो मामला सिर्फ फर्जी फर्मों तक सीमित नहीं रहा। इस तंबाकू खेप का सीधा संबंध बसपा नेता अशोक मौर्य से जुड़ता नजर आ रहा है—जो पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी माने जाते थे और कई चुनावों में ताल ठोक चुके हैं।

बताया जा रहा है कि अशोक मौर्य का तंबाकू कारोबार एटा, अलीगढ़, फर्रुखाबाद से लेकर नोएडा तक फैला हुआ है। फर्जी फर्मों और शेल कंपनियों के जाल में ये माल हर महीने करोड़ों में खपाया जाता है। अलीगढ़ में पकड़े गए तंबाकू ट्रक की GST इनवॉयस में भारी गड़बड़ी मिली है और सूत्रों का दावा है कि यह माल मौर्य के नाम पर ही था।

अशोक मौर्य पहले कम्पिल नगर पंचायत से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं। चुनावी मौसम में उनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 16 करोड़ रुपये की बरामदगी की सूचना सामने आई थी। हालांकि राजनीतिक रसूख और ऊंची पहुंच के चलते उस वक्त मामला शांत करवा लिया गया था।

वहीं, मौर्य जिला पंचायत का चुनाव वार्ड नंबर 3 से भी लड़ चुके हैं। वे फिलहाल कम्पिल में मास्टर वीरपाल के मकान में किराए पर रहते हैं, लेकिन स्थायी रूप से एटा के अलीगंज निवासी हैं।

मौर्य का सबसे करीबी सहयोगी तालिब, कायमगंज का बदनाम कारोबारी है, जो फर्जी फर्मों के जरिये मौर्य का तंबाकू माल बाहर निकालने का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। तालिब पहले भी GST चोरी के मामले में जेल जा चुका है और उसके गिरोह में कई आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं।

इनमें मुख्य रूप से आदेश (पपड़ी गांव, कायमगंज निवासी),अरविंद यादव (कैलता गांव, अलीगंज निवासी, पूर्व गैंगस्टर अभियुक्त) रहा है।

यह पूरा नेटवर्क अब प्रशासन और जांच एजेंसियों की रडार पर है।

जानकारी के मुताबिक, इस पूरे मामले में सिर्फ GST विभाग ही नहीं, बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों का माल बाजार में उतारने वाले इस नेटवर्क की फाइल अब खुलने वाली है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया,

“यह मामला सिर्फ टैक्स चोरी का नहीं, बल्कि आर्थिक अपराध के संगठित गिरोह जैसा है। इसमें राजनीतिक संरक्षण, फर्जी दस्तावेज, हवाला और काले धन के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं।”

अलीगढ़ में जब्त तंबाकू खेप से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं, अशोक मौर्य, तालिब व अन्य आरोपितों के बैंक और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड की जांच शुरू होगी।

नोएडा स्थित व्यापारिक ठिकानों पर संभावित छापेमारी की तैयारी की जानकारी हुई है।
जल्द ही ED और अन्य आर्थिक अपराध शाखाएं सक्रिय हो सकती हैं

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