सांकेतिक हड़ताल से नहीं मिला लाभ, प्रदेश अध्यक्ष ने की 20 दिन की पूर्ण बंदी की वकालत
फर्रुखाबाद (विशेष संवाददाता): कमीशन बढ़ाए (commission hike) जाने की मांग को लेकर कोटेदारों द्वारा की जा रही 3 दिवसीय सांकेतिक हड़ताल (strike) का असर रविवार को जिले भर में स्पष्ट रूप से देखने को मिला। कहीं राशन की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं तो कहीं पर सीमित समय तक राशन वितरण किया गया और उसके बाद दुकानें बंद कर दी गईं। कई स्थानों पर उपभोक्ताओं को राशन न मिलने के कारण परेशान होते देखा गया।
शमसाबाद शहर और ग्रामीण इलाकों में स्थिति मिश्रित रही। कुछ उचित दर विक्रेताओं ने राशन वितरण किया, जबकि कुछ स्थानों पर दुकानों के ताले नहीं खुले। इसका असर सीधे तौर पर गरीब और मध्यम वर्गीय राशन कार्डधारकों पर पड़ा, जो कई बार चक्कर लगाकर भी राशन नहीं पा सके।
राशन पाकर उपभोक्ताओं में खुशी, लेकिन व्यवस्था रही अस्त-व्यस्त
फैजबाग में उचित दर विक्रेता और उचित दर विक्रेता एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रोहिताश पटेल ने स्वयं राशन वितरण किया। उन्होंने बताया कि रविवार दोपहर तक 10 क्विंटल 74 किलो चावल और 7 क्विंटल 16 किलो गेहूं का वितरण किया गया, जिससे करीब 70 राशन कार्डधारकों को राहत मिली। राशन पाने वाले उपभोक्ताओं के चेहरों पर राहत और संतोष नजर आया।
प्रदेश अध्यक्ष ने की पूर्ण बंदी की मांग
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रोहिताश पटेल ने स्पष्ट कहा कि, “सिर्फ सांकेतिक हड़ताल से कोई असर नहीं पड़ता। यदि कोटेदारों को अपनी बात मनवानी है तो उन्हें कम से कम 20 दिन की पूर्ण बंदी करनी होगी। तभी शासन-प्रशासन जागेगा और हमारी जायज़ मांगों पर विचार करेगा।” उन्होंने जानकारी दी कि जनपद फर्रुखाबाद में कुल 777 राशन की दुकानें हैं, जिनमें से केवल 112 दुकानों पर ही वितरण किया गया। शेष दुकानों पर या तो वितरण नहीं हुआ या फिर आंशिक रूप से किया गया।
लाभार्थियों की परेशानी, विक्रेताओं की मजबूरी
राशन के लिए कतार में लगे कई लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें सुबह से कई चक्कर काटने पड़े, लेकिन कुछ दुकानदारों ने दुकान ही नहीं खोली। वहीं कोटेदारों का कहना है कि उन्हें सरकार से मिलने वाला कमीशन व्यवस्था संचालन के लिए अपर्याप्त है और इस पर जल्द निर्णय नहीं हुआ तो उन्हें मजबूरी में पूर्ण बंदी करनी होगी।