सरकार के विकास कार्यों पर पड़ी भ्रष्टाचार की छाया, शमशाबाद के नगला कलार में लचर हालात
फर्रुखाबाद: ग्राम स्तर पर सुशासन व पारदर्शिता के लिए सरकार द्वारा करोड़ों की लागत से बनाए गए मिनी सचिवालय (Mini secretariat) आज भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनदेखी के शिकार हो चुके हैं। विकासखंड शमशाबाद (Development Block Shamshabad) क्षेत्र के ग्राम नगला कलार में बना मिनी सचिवालय इन दिनों जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है।
मक्के की बोरियों से भरे सचिवालय के कमरे, टूटा गेट और गंदगी का आलम
मिनी सचिवालय का मुख्य कमरा इस समय किसानों द्वारा मक्का भंडारण का केंद्र बना हुआ है। मुख्य द्वार टूटा हुआ है और बरसात के चलते परिसर में झाड़ियां, घास और गंदगी का अंबार देखा गया है। ग्रामीणों के अनुसार, यहां जहरीले कीड़े-मकोड़े और सांप-बिच्छू पाए जाने का भी खतरा है। जब पंचायत सहायक अनिल कुमार सिंह से जानकारी मांगी गई तो वे कोई संतोषजनक उत्तर देने के बजाय बगलें झांकते नजर आए।
सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे ग्राम प्रधान और सचिव
सरकार द्वारा बनाए गए इन सचिवालयों का उद्देश्य था कि ग्राम प्रधान, सचिव और ग्रामीण मिलकर गांव के विकास कार्यों की योजना बना सकें, साथ ही ग्रामीण सचिवालय में अपने ज़रूरी कार्यों का निस्तारण करा सकें। लेकिन हकीकत में ये भवन आज पशुओं के तबेले, निजी गोदाम और खंडहर बन चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से ये भवन अब “कमाई के अड्डे” बन चुके हैं। अनेक जगहों पर अनावश्यक सामान भंडारित कर कब्जा कर लिया गया है, और कहीं जानवरों को बांध दिया गया है।
अधिकारी बोले – नहीं थी जानकारी, कराएंगे जांच
विकास खंड अधिकारी शमशाबाद राधेश्याम से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामले की मुझे जानकारी नहीं थी। अब जानकारी में आया है तो तत्काल जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”