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Saturday, July 19, 2025

एक और धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश, 6 राज्यों से 10 अभियुक्त गिरफ्तार

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– अपराधियों के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” नीति पर यूपी पुलिस का एक और निर्णायक कदम

लखनऊ/आगरा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस” की नीति को अपनाते हुए यूपी एटीएस द्वारा मिशन अस्मिता के अंतर्गत अवैध धर्म परिवर्तन सिंडिकेट (conversion syndicate) के मुख्य आरोपित मो. उमर गौतम और मुफ्ती जाहगीर आलम कासमी को गिरफ्तार (arrested) किया जा चुका है। यूपी एसटीएफ और एटीएस ने हाल ही में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन द्वारा संचालित अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है।

यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय जिहादी फंडिंग, लव जिहाद, डार्क वेब और अन्य माध्यमों से देश की आंतरिक सुरक्षा में सेंध लगाने की मंशा से काम कर रहा था। पुलिस कमिश्नरेट आगरा के आयुक्त दीपक कुमार के नेतृत्व में 6 राज्यों से 10 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई, जो विशेष रूप से कम उम्र की लड़कियों को प्रलोभन व लव जिहाद के जरिए धर्मांतरण के कार्य में संलिप्त थे। यह नेटवर्क ISIS के सिग्नेचर स्टाइल पर कार्य करता है। अभी तक की जांच में इनके संबंध PFI, SDPI और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी पाए गए हैं।

बताते चले कि मार्च 2025 में आगरा से दो सगी बहनों (उम्र 33 और 18) की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। मामले की विवेचना स्थानीय थाना सदर बाजार व बाद में साइबर थाना द्वारा की गई। जांच के दौरान यह पता चला कि घटना से जुड़े लोग देश के विभिन्न हिस्सों से Radicalisation, लव जिहाद व विदेशों से फंडिंग में संलिप्त थे। प्राथमिक साक्ष्य जुटाने के उपरांत 7 अभियुक्तों के विरुद्ध NBW प्राप्त किया गया। बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में पुलिस की 11 टीमें भेजी गईं। जिससे इस संयुक्त अभियान में 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची:

1. आयशा (पूर्व नाम: एस.बी. कृष्णा) गोवा, 2. अली हसन (पूर्व नाम: शेखर रॉय) कोलकाता, 3. ओसामा कोलकाता, 4. रहमान कुरैशी आगरा, 5. अब्बू तालिब खालापार, मुजफ्फरनगर, 6. अबुर रहमान, देहरादून, 7. मोहम्मद अली जयपुर, 8. जुनैद कुरैशी जयपुर, 9. मुस्तफा (पूर्व नाम: मनोज) दिल्ली, 10. मोहम्मद अली (II) जयपुर।

यह पूरा नेटवर्क अलग-अलग जिम्मेदारियाँ निभा रहा था, जैसे विदेशी फंडिंग जुटाना व वितरित करना। शरणस्थली (सेफ हाउस) उपलब्ध कराना। लीगल एडवाइस देना। नए मोबाइल व सिम कार्ड उपलब्ध कराना। युवतियों को प्रेमजाल में फंसाना। धर्म परिवर्तन के कागज़ तैयार करना। धार्मिक कट्टरता फैलाना। समन्वय व आगे की कार्यवाही।

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