– बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत:
– चेन्ज ऑफ टाइटल को छोड़कर किसी भी सेवा के लिए दस्तावेज़ देना अनिवार्य नहीं
लखनऊ: प्रदेश के करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालयों में बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि चेन्ज ऑफ टाइटल (नामांतरण) को छोड़कर किसी भी अन्य सेवा जैसे बिल संशोधन, मीटर परिवर्तन या सप्लाई कैटेगरी में बदलाव के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ की मांग नहीं की जाएगी।
यह निर्णय यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के निर्देश पर लिया गया है। हाल ही में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिसमें निगम के मुख्य अभियंता, निदेशक और प्रबंध निदेशक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
अध्यक्ष डॉ. गोयल ने स्पष्ट कहा कि, “यह विभाग की जिम्मेदारी है कि कनेक्शन से जुड़े सभी आवश्यक अभिलेख स्वयं संधारित रखे जाएं। उपभोक्ता को हर छोटी-बड़ी सेवा के लिए दस्तावेज़ मांगकर परेशान करना न केवल अनुचित है बल्कि हमारी कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।” उन्होंने कहा कि उपभोक्ता से चेन्ज ऑफ टाइटल को छोड़कर किसी भी शिकायत के समाधान के लिए कोई कागज़ नहीं मांगा जाएगा। यदि किसी सेवा के लिए अभिलेख की आवश्यकता हो, तो विभाग अपने रिकॉर्ड से समाधान सुनिश्चित करेगा। इस निर्णय का पालन प्रदेशभर में सुनिश्चित किया जाए और किसी भी कार्यालय से इस प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए।
डॉ. गोयल ने कहा कि उपभोक्ता की सुविधा सुनिश्चित करना निगम की नैतिक जिम्मेदारी है और इसके लिए यह आवश्यक है कि समस्याओं का समाधान न्यूनतम प्रयासों में हो। उन्होंने 1912 उपभोक्ता सेवा नंबर पर आने वाली शिकायतों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए, ताकि कोई शिकायत लंबित न रहे।
गौरतलब है कि उपभोक्ताओं को अक्सर यह शिकायत रहती थी कि बिजली विभाग के कर्मचारी कनेक्शन से संबंधित पुराने दस्तावेज़ मांगते हैं, जिन्हें तत्काल प्रस्तुत करना कठिन होता है, जिससे उन्हें कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बल मिलेगा।