शमसाबाद: सरकार द्वारा ग्राम पंचायत नगला कलार में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए सचिवालय भवन (Secretariat Building) की तस्वीर इन दिनों बदहाल और शर्मनाक स्थिति में है। जनहित योजनाओं की निगरानी और पंचायत कार्यों के संचालन के लिए बने इस ‘छोटी सरकार के सचिवालय’ पर अब ग्रामीणों (villagers) ने ही कब्जा जमा लिया है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान श्याम सुंदर की सहमति से सचिवालय भवन को अनाज भंडारण केंद्र में तब्दील कर दिया है। पंचायत सहायक अनिल कुमार ने जब मक्का (corn) के बोरे रखे जाने को लेकर सवाल उठाए तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
सचिवालय के मुख्य गेट की हालत भी जर्जर है वह सालों से टूटा पड़ा है। परिसर में चारों ओर उगी लंबी घास और कूड़े का ढेर यह साफ संकेत देता है कि यहां न तो साफ-सफाई का कोई प्रबंध है और न ही पंचायत स्तर पर जिम्मेदारों की कोई रुचि।सरकार ने ग्राम सचिवालय की अवधारणा इस उद्देश्य से शुरू की थी कि गांव के लोग आसानी से सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ ले सकें, लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही ने इस उद्देश्य को मजाक बना दिया है।
सचिवालय भवन का उपयोग योजनाओं की बजाय निजी स्वार्थों के लिए किया जा रहा है। इस पूरे मामले पर खंड विकास अधिकारी राधेश्याम ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने जांच कराने का आश्वासन दिया है।ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने इस पर उच्च अधिकारियों से संज्ञान लेने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ग्राम सचिवालय जैसे संस्थान मजाक न बनें।