सीजेएम कोर्ट ने रिमांड रिफ्यूज की अर्जी खारिज कर तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, अगली सुनवाई 30 जुलाई को
फर्रुखाबाद: पुलिस उत्पीड़न (police harassment) से त्रस्त एक ग्रामीण (villager troubled ) द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के गंभीर मामले में आरोपी सांसद प्रतिनिधि सहित दो सिपाहियों को सीजेएम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। रिमांड रिफ्यूज (न्यायिक हिरासत के बजाय पुलिस हिरासत से इंकार) के लिए दी गई अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच चली लंबी बहस
गुरुवार को सीजेएम घनश्याम शुक्ला की अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अधिवक्ताओं मुदित मिश्रा और महेश यादव ने रिमांड रिफ्यूज के पक्ष में तर्क पेश किए। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के बजाय रिमांड न दिया जाए।
वहीं, सरकारी पक्ष और पीड़ित पक्ष के अधिवक्ताओं ने घटना की गंभीरता और आत्महत्या के पीछे पुलिस उत्पीड़न की परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। दोनों पक्षों की काफी लंबी बहस के बाद अदालत ने रिमांड रिफ्यूज प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
न्यायिक रिमांड स्वीकृत, आरोपियों को जेल भेजा गया
सीजेएम घनश्याम शुक्ला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद प्रतिनिधि और दोनों सिपाहियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश पारित किया। इसके साथ ही सभी तीनों आरोपियों को तत्काल जेल भेज दिया गया है।
अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई 2025 निर्धारित की है। इस सुनवाई में साक्ष्यों और गवाहों की पेशी के साथ-साथ मामले की आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। उधर, इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय स्तर पर प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है।