नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी (DM Ashutosh Kumar Dwivedi) की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार (Collectorate Auditorium) में स्कूल बस संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्कूली वाहनों (school vehicles) की स्थिति, सुरक्षा मानकों, फिटनेस, परमिट और संचालन संबंधी सभी पहलुओं की समीक्षा की गई। बैठक में मौजूद एआरटीओ प्रवर्तन सुभाष राजपूत ने जानकारी दी कि जनपद में कुल 468 स्कूल वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें से 118 वाहनों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है और 40 वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि स्कूली वाहनों की अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित है। इसके अलावा 231 वाहनों के परमिट भी समाप्त हो चुके हैं। 01 जुलाई से 15 जुलाई तक चलाए जा रहे विशेष चेकिंग अभियान के अंतर्गत अब तक 62 वाहनों का चालान किया गया है तथा 26 वाहनों को सीज किया गया है।इस स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जो वाहन 15 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं, उनका पंजीकरण एक सप्ताह के भीतर निरस्त कराया जाए। साथ ही जिन वाहनों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है, वे भी एक सप्ताह के भीतर दोबारा फिटनेस कराएं, अन्यथा उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का गठन अनिवार्य रूप से किया जाए।बैठक में तय किया गया कि सभी ड्राइवरों का आई टेस्ट (नेत्र परीक्षण) और पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए। सभी स्कूली वाहनों में जीपीएस, गति मापक यंत्र, फर्स्ट एड बॉक्स, सीट बेल्ट और अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य किया गया है। साथ ही सभी ड्राइवर और परिचालक निर्धारित वर्दी में रहें और उनके पास आईडी कार्ड होना चाहिए। वाहनों की गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा सभी स्कूल बसों पर संबंधित स्कूल प्रिंसिपल का मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से अंकित किया जाना आवश्यक होगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि विद्यालयों में सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई जाए और छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। विद्यालयों में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नाबालिग छात्र दोपहिया या चारपहिया वाहन न चलाए। इस संदर्भ में एआरटीओ प्रवर्तन सुभाष राजपूत ने स्पष्ट किया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199क के अनुसार यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो वाहन स्वामी को दोषी मानते हुए तीन वर्ष तक की कारावास तथा 25,000 रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त संबंधित वाहन का पंजीयन एक वर्ष के लिए रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस 25 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही बन सकेगा।
जिलाधिकारी ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिया कि विद्यालय के मुख्य द्वार पर इस आशय के होर्डिंग अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और नाबालिग छात्रों द्वारा वाहन चलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लागू किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एआरटीओ प्रवर्तन तथा यातायात विभाग न केवल ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करें, बल्कि लापरवाही बरतने वाले स्कूलों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें।बैठक में एआरटीओ प्रवर्तन, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।