– जब एलिया मैडम अपने ही ब्लॉक मुख्यालय में सफाई नहीं करवा पा रहीं, तो गांवों की व्यवस्था कैसे सुधरेगी?
– ब्लॉक परिसर में बना मॉडल सामुदायिक शौचालय, जिसकी हालत बताती है ज़मीनी हकीकत
सीतापुर: जिला मुख्यालय से महज़ 12 किलोमीटर दूर स्थित एलिया ब्लॉक कार्यालय (Elia Block office) परिसर में स्थित शौचालयों की हालत देखकर कोई भी स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की असलियत को समझ सकता है। परिसर में बने मॉडल सामुदायिक शौचालय में चारों ओर फैली गंदगी, भयंकर दुर्गंध और टूट-फूट प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल रही है।
स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों का कहना है कि ब्लॉक विकास अधिकारी (वीडीओ) एलिया मैडम यदि अपने ही कार्यालय परिसर में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर पा रहीं, तो यह कैसे माना जाए कि वे गांवों में स्वच्छता की गंभीरता से निगरानी कर रही होंगी? शौचालयों में फैली गंदगी इतनी भयावह है कि वहां कुछ पल रुकना भी मुश्किल हो जाता है। जहां एक ओर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर ज़िम्मेदार अधिकारी उस अभियान की आत्मा को ही ताक पर रख चुके हैं।
ग्रामीणों और स्थानीय कर्मचारियों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब अधिकारी अपने आसपास स्वच्छता का माहौल नहीं बना सकते, तो गांवों तक मिशन की पहुंच और सफलता पर सवाल उठना लाज़मी है। क्या प्रशासन इस लापरवाही के लिए किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करेगा? या फिर “स्वच्छता” का यह मॉडल शौचालय भी महज़ फोटो खिंचवाने और फाइलों में आंकड़े सुधारने का ज़रिया बनकर रह जाएगा? इस गंभीर लापरवाही पर यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होंगे।