आईपीएस आरती सिंह का ‘जनदरबार’ बना भरोसे की मिसाल, ईमानदारी और सख्ती की मिसाल बन रहीं फतेहगढ़ एस पी
फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद): जहां आमजन की शिकायतें अक्सर वर्षों तक थानों और दफ्तरों के चक्कर काटती हैं, वहीं फतेहगढ़ (Fatehgarh) की पुलिस अधीक्षक आईपीएस आरती सिंह (IPS Aarti Singh) ने अपनी कार्यशैली से एक नई उम्मीद जगा दी है। उनके दरबार में न कोई वीआईपी है, न कोई आम—हर व्यक्ति को समान भाव से सुना जाता है और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित किया जाता है।
आई पी एस आरती सिंह की कार्यशैली को देखकर लोगों को देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी डॉ. किरण बेदी की याद आ जाती है। सख्त कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और जनता के लिए सदैव खुले दरवाजे—यह उनकी पहचान बन चुकी है।
पहले जहाँ जिले के नागरिक न्याय की उम्मीद में लखनऊ तक भटकते थे, अब वहीं समाधान उन्हें फतेहगढ़ में ही मिल रहा है। आरती सिंह के प्रतिदिन आयोजित होने वाले जनसुनवाई शिविर में दूरदराज़ से आए लोग अपनी शिकायतें दर्ज कराते हैं और अधिकतर मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है।
चाहे महिला उत्पीड़न का मामला हो, जमीन पर अवैध कब्ज़ा, पुलिस की लापरवाही या घरेलू हिंसा—आरती सिंह हर प्रकरण को व्यक्तिगत संज्ञान में लेकर जांच के निर्देश देती हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाता।
फतेहगढ़ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस विभाग में अनुशासन और जवाबदेही की संस्कृति पनप रही है। विभागीय कर्मचारी खुद को ज़िम्मेदार और जवाबदेह महसूस कर रहे हैं, वहीं आम नागरिकों में विश्वास की भावना बढ़ी है।
आरती सिंह न केवल कानून व्यवस्था को बेहतर बना रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, बाल सुरक्षा, साइबर जागरूकता और स्कूल-कॉलेजों में संवाद कार्यक्रम जैसे सामाजिक अभियानों में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं।
“थानों और अधिकारियों से निराश जनता को अब लखनऊ नहीं जाना पड़ता, क्योंकि SP आरती सिंह का दरबार ही बन गया है न्याय का ठिकाना।”