हर साल सावन का महीना आता है। ये महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं व संसार के संचालन का भार भगवान शिव के कंधो पर आ जाता है। ऐसे में इस पूरे महीने महादेव की पूजा करने से जातक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। सावन में सोमवार का विशेष महत्व है। अगर आप पूरे महीने शिव भक्ति नहीं कर सकते तो सावन सोमवार के दिन शिव उपासना से भी भोले को प्रसन्न कर सकते हैं। कई जातक इस दिन व्रत रखकर शिव भक्ति में लीन रहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, 14 जुलाई को सावन सोमवार की पूजा व व्रत रखा जाएगा। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग भी रहेगा।
शुभ योग व नक्षत्र:
इस दिन योग आयुष्मान् योग शाम 04:14 बजे तक रहेगा, जिसके बाद सौभाग्य योग्य मान्य होगा। सुबह 06:49 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र, जिसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जाएगा। धार्मिक दृष्टि से ये योग व नक्षत्र शुभ माने जाते हैं।
जानें शिव पूजन का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:11 ए एम से 04:52 ए एम
अभिजित मुहूर्त: 11:59 ए एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 07:20 पी एम से 07:40 पी एम
अमृत काल: 11:21 पी एम से 12:55 ए एम, जुलाई 15
पूजा विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद संभव हो तो अपने घर के पास किसी शिव मंदिर में जाएं। शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद शहद, दही, घी, दूध और गन्ने का रस समेत पंचामृत से भोले बाबा का अभिषेक करें। इसके बाद प्रभु पर सफेद चंदन, सफेद फूल, भांग, धतूरा, फल और तिल चढ़ाएं। फिर भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और नंदी महाराज को प्रसाद और फूल अर्पित करें। इसके बाद प्रभु की आरती उतारें। साथ ही ऊं नम: शिवाय या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जप करें। अंत में भगवान शिव को घर की बनी खीर का भोग भी लगा सकते हैं।