– राज्य में निवेश को लेकर व्यापक रणनीति, 10 हजार MSMEs को मिलेगा प्रोत्साहन, 5000 एकड़ में बनेगा मेगा इकोनॉमिक जोन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आर्थिक विशेषज्ञों, उद्योगपतियों और नीतिगत सलाहकारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में राज्य की आर्थिक क्षमता, औद्योगिक निवेश, रोजगार सृजन और आधारभूत संरचना को लेकर गहन चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सभी क्षेत्रों में संतुलित और तीव्र विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में व्यापक निवेश के अवसर हैं और सरकार हर संभव नीतिगत सहायता देने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए हर जिले में रोजगार सृजन के मॉडल तैयार कर रही है। MSME सेक्टर को 10,000 से ज्यादा इकाइयों को जोड़कर एक बड़े क्लस्टर का रूप दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मेगा इकोनॉमिक जोन की स्थापना के लिए 5,000 एकड़ जमीन का चयन किया गया है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 1996 से 2017 तक मात्र 700 गांवों में बिजली पहुंची थी, जबकि वर्तमान सरकार ने 2 लाख से अधिक गांवों को बिजली से जोड़ा है। इस परिवर्तन ने औद्योगिक विकास को नई दिशा दी है। इसके अलावा राज्य में 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जाएंगे, जिससे निवेशकों को सुविधाजनक परिवहन नेटवर्क मिलेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को निवेश आकर्षण का केंद्र बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक क्लस्टर, शिक्षा केंद्र, मेडिकल हब और स्मार्ट सिटी विकसित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर क्षेत्र—कृषि, डेयरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आईटी सेक्टर को जोड़कर समेकित विकास की नीति पर काम कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिससे गांवों में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल योजना, अमृत योजना और शुद्ध पेयजल योजना को तीव्र गति से लागू किया जा रहा है। नगरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर तेजी से काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह बैठक प्रदेश के आर्थिक भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य सिर्फ सपना नहीं, बल्कि एक ठोस योजना है, जिसे जमीनी स्तर पर साकार किया जा रहा है।


