फर्रुखाबाद। पुलिस अधीक्षक आरती सिंह द्वारा हाल ही में लिए गए कड़े प्रशासनिक निर्णय के तहत थानों में तैनात दागी थानेदारों के 19 कारखास आरक्षियों और चालकों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करने के आदेश दिए गए थे। इस कार्रवाई के पीछे उद्देश्य था थानों में पनपते “अवैध गठजोड़” और अनुशासनहीनता पर नकेल कसना।
पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी चिन्हित पुलिसकर्मियों को शाम तक पुलिस लाइन में रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी दोहराया था कि आदेश की अवहेलना करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन मोहम्मदाबाद कोतवाली से चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है कि वहां के कोतवाल के कारखास आरक्षी अमरदीप अब तक डटे हुए हैं और लाइन हाजिर नहीं हुए हैं।
इस तरह पुलिस अधीक्षक के सख्त निर्देशों की खुलेआम अनदेखी किए जाने से विभागीय अनुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आम चर्चा है कि या तो आदेश की अनदेखी जानबूझकर की जा रही है या फिर स्थानीय स्तर पर कोई ‘संबंधों की परत’ इस ढिलाई को संरक्षण दे रही है।
इस पूरे मामले पर अब जिले भर के थानों में सुगबुगाहट तेज है और अन्य आरक्षियों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या आदेश सभी के लिए समान हैं या कुछ को विशेष छूट मिली हुई है? पुलिस अधीक्षक आरती सिंह इस तरह की लापरवाही को किस रूप में लेंगी, यह देखना दिलचस्प होगा।