– बिना लाइसेंस खून की जांच कर थमा रहे फर्जी रिपोर्टें
– ब्रांड की साख पर बट्टा, स्वास्थ्य विभाग बेखबर
फर्रुखाबाद। कमालगंज कस्बे में डॉ. लाल पैथोलॉजी के नाम पर एक बड़ा गोरखधंधा बेखौफ तरीके से चल रहा है। राजेपुर सराय मेदा निवासी रेहान उर्फ नजर हाजी द्वारा संचालित इस कथित ‘फ्रेंचाइजी सेंटर’ को सिर्फ ब्लड सैंपल कलेक्शन के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल पूर्ण लैब की तरह किया जा रहा है – वो भी बिना किसी लाइसेंस या तकनीकी अनुमति के।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस केंद्र में न तो कोई प्रमाणित लैब टेक्नीशियन है और न ही आवश्यक मशीनी उपकरण, फिर भी यहां रोजाना दर्जनों खून के सैंपल लिए जाते हैं। फर्जी रिपोर्ट वहीं दुकान के अंदर तैयार कर मरीजों को थमा दी जाती है, जिससे मरीजों की सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ हो रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि कुछ सैंपल केवल दिखावे के लिए जिले की अधिकृत लैब में भेजे जाते हैं, ताकि ऊपर से सब कुछ वैध दिखे। लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश रिपोर्टें यहीं कमालगंज में ही तैयार होती हैं।
इस तरह की अवैध गतिविधियां न केवल मरीजों की जान जोखिम में डालती हैं, बल्कि देशभर में स्थापित प्रतिष्ठित ब्रांड Dr. Lal PathLabs की विश्वसनीयता पर भी गहरे सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना मान्यता प्राप्त लैब में की गई जांचें न केवल गलत इलाज की वजह बन सकती हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों का पता न चलने से जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग मौन, प्रशासन बेखबर
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस फर्जी लैब का संचालन लंबे समय से हो रहा है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग की निगाहें अब तक इस ओर नहीं गईं। यह लापरवाही कहीं न कहीं अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाती है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस फर्जी लैब पर तत्काल छापा मारकर न केवल इसे सील किया जाए, बल्कि संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
यदि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में समय रहते सख्ती नहीं दिखाता, तो यह एक खतरनाक मिसाल बन सकती है, जिससे और भी जगह ऐसे गोरखधंधे पनप सकते हैं।