– 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं वाले मेलों का खर्च उठाएगी सरकार, जिलों में बनेगी मेला समिति
लखनऊ: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धार्मिक आस्था और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से धार्मिक मेलों के आयोजन को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। सरकार अब 5 लाख या उससे अधिक श्रद्धालुओं वाले धार्मिक मेलों का खर्च स्वयं उठाएगी।
जिलों में गठित होंगी मेला समितियां
सरकार ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिले में मेला समिति का गठन किया जाएगा, जो मेलों की योजना, व्यवस्था और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी। यह समितियां जिला प्रशासन के अंतर्गत कार्य करेंगी।
डीएम की संस्तुति पर मिलेगा ‘प्रांतीय मेला’ का दर्जा
किसी भी मेले को सरकार से सहायता प्राप्त करने के लिए संबंधित जिलाधिकारी (DM) की संस्तुति आवश्यक होगी। डीएम की संस्तुति के आधार पर मेले को प्रांतीय मेला घोषित किया जाएगा, जिसके बाद उसे सरकार से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकार मेलों के महत्व, श्रद्धालुओं की संख्या और आयोजन की भव्यता के आधार पर 25 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक की राशि मुहैया कराएगी। यह राशि साफ-सफाई, सुरक्षा, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं पर खर्च की जाएगी।
सरकार के इस कदम से न सिर्फ धार्मिक आस्था को बल मिलेगा, बल्कि इन मेलों के माध्यम से स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा स्थानीय कारीगरों और व्यवसायियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
प्रदेश सरकार का यह निर्णय ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बड़े स्तर पर धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है।


