जहानगंज (फर्रुखाबाद)। ग्राम पंचायत पतौजा के मजरा बरुआ नगला स्थित प्राथमिक विद्यालय को अचानक मर्ज किए जाने से गांव में भारी आक्रोश फैल गया है। विद्यालय के 38 पंजीकृत छात्रों को अब एक डेढ़ किलोमीटर दूर कंपोजिट विद्यालय जहानगंज में भेजा जा रहा है, जिससे स्थानीय अभिभावकों में नाराजगी है। बुधवार को जब बच्चों को दूसरी जगह भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो ग्रामीणों ने स्कूल पर पहुंचकर जमकर विरोध किया।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सरिता कटियार तैनाती पर हैं, जबकि स्कूल का संचालन सहायक अध्यापक विजय प्रताप और शिक्षामित्र गीता देवी कर रहे थे। मर्ज की प्रक्रिया के बाद बुधवार को जब विजय प्रताप और गीता देवी 11 बच्चों को लेकर कंपोजिट विद्यालय पहुंचे, तो बाकी छात्र बिना किसी शिक्षक के विद्यालय परिसर में बैठे रह गए।
इस स्थिति पर अभिभावकों ने रोष जताया। ग्रामीण महिलाओं पूनम (पत्नी सर्वेश), सपना (पत्नी छोटेलाल), प्रीति (पत्नी अवनीश) और चंदन समेत अन्य ग्रामीणों ने सरकार के इस निर्णय को अव्यवहारिक करार देते हुए कहा कि इतनी दूर बच्चों को भेजना उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जिस रास्ते से बच्चों को भेजा जा रहा है, वहां हर समय भारी वाहन गुजरते हैं, ऐसे में कोई भी दुर्घटना हो सकती है।
“हमारे छोटे-छोटे बच्चे कैसे इतनी दूरी तय करेंगे? अगर कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?” – यह सवाल हर अभिभावक के मन में है।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि विद्यालय के विलय का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए और स्थानीय विद्यालय को फिर से संचालित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समाधान नहीं निकला तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।