– ‘एक पेड़ मां के नाम’ ने जगाई भावनात्मक जुड़ाव की अलख
अयोध्या। उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज से “वृक्षारोपण महाभियान-2025” का आगाज़ हो गया। अयोध्या धाम में मुख्यमंत्री ने स्वयं पौधरोपण कर इस महाअभियान की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य एक ही दिन में 37 करोड़ पौधों का रोपण है।
इस अभियान की सबसे खास बात है इसकी भावनात्मक और सामाजिक थीम – “एक पेड़ मां के नाम”, जिसने आमजन के दिलों को छू लिया है। लोग आज अपनों के नाम, विशेषकर अपनी माताओं के सम्मान में, पौधे लगाकर इस अभियान को व्यक्तिगत श्रद्धांजलि का रूप दे रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम में पौधरोपण कर दी शुरुआत। 26 राजकीय विभागों की भागीदारी और 25 करोड़ नागरिकों का सहयोग। मिशन – एक दिन में 37 करोड़ पौधे रोपित करना, जो देश ही नहीं, दुनिया में भी रिकॉर्ड स्तर पर होगा।
प्रदेश भर में जिलों, ब्लॉकों, ग्राम पंचायतों, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों एवं निजी परिसरों में पौधरोपण।
वन विभाग, पंचायतीराज, नगर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, युवा कल्याण, गृह विभाग आदि की महत्वपूर्ण भूमिका।
अयोध्या में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा—
“पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह जन-जन का दायित्व है। जिस तरह एक मां जीवन देती है, उसी तरह पेड़ भी हमारी सांसों के रक्षक हैं। आइए, हम सब मिलकर इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं और प्रत्येक नागरिक एक पौधा लगाकर इसे अपने मां के नाम समर्पित करें।”
इस अभियान का सबसे प्रभावशाली पक्ष इसकी थीम रही है, जिसने सामाजिक भावनाओं को गहराई से जोड़ा है। बच्चों ने अपनी मां के लिए, बुजुर्गों ने अपनी दिवंगत माताओं की स्मृति में, और युवाओं ने प्रकृति माँ को श्रद्धा अर्पित करते हुए पौधे लगाए।
समाज के सभी वर्गों, स्कूलों, महाविद्यालयों, समाजसेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और युवाओं ने इस महाअभियान को ऐतिहासिक बनाने में अहम भूमिका निभाई। सोशल मीडिया पर #एक_पेड़_मां_के_नाम ट्रेंड कर रहा है और हजारों लोगों ने अपनी फोटो व वीडियो के साथ पौधरोपण की कहानियां साझा की हैं।
‘वृक्षारोपण महाभियान-2025’ केवल एक पर्यावरणीय पहल नहीं है, यह उत्तर प्रदेश की एकजुटता, जागरूकता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बढ़ते सतत विकास की गवाही है। यदि यह लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त होता है, तो यह भारत ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा एकदिवसीय वृक्षारोपण अभियान बन जाएगा।